नीट यूजी 2020 में डमी कैंडिडेट बिठाकर परीक्षा पास करवाने के मामले में शुक्रवार को जयपुर में एक डॉक्टर और दो एमबीबीएस छात्रों को गिरफ्तार किया है। मामले में नीट परीक्षा पास करवाने के लिए 60 लाख रुपए में सौदा हुआ था। पुलिस ने दो आरोपी सचिन और अजीत को अदालत में पेश कर 13 जून तक रिमांड पर लिया है वहीं सुभाष को शनिवार को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।
डीसीपी (वेस्ट) अमित कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सचिन गोरा (22) गोरा की ढाणी कचोलिया चौमूं, अजीत गोरा (30) लक्ष्मी विहार कचोलिया चौमूं और सुभाष सैनी (33) राधा स्वामी बाग जैतपुरा का रहने वाला है। पुलिस पड़ताल में सामने आया कि सचिन गोरा वर्तमान में एम्स जोधपुर में एमबीबीएस फाइनल एयर का छात्र है। जिसने वर्ष 2020 में आयोजित नीट यूजी परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सुभाष सैनी को पैसे दिए थे।
सुभाष सैनी भी आयुर्विज्ञान की डिग्री लेकर वर्तमान में सीएचओ के पद पर घाटवा में पदस्थापित है। सुभाष ने अजीत गोरा को साजिश में शामिल कर डमी कैडिंडेट के माध्यम से इस परीक्षा में धांधली की गई। अजीत गोरा वर्तमान में श्री जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज भरतपुर से एमबीबीएस करने के बाद इंटर्नशिप कर रहा है।
इस तरह किया फर्जीवाड़ा
नीट यूजी 2020 परीक्षा के लिए सुभाष सैनी, सचिन गोरा व अजीत गोरा ने साजिश रची। इसमें सचिन गोरा के स्थान पर एडमिट कार्ड पर अजीत की फोटो लगी हुई है। प्राथमिक जांच में सामने आया कि डमी परीक्षार्थी बैठाकर परीक्षा देने के लिए 60 लाख रुपए में सौदा तय हुआ था। इस संबंध में पुलिस ने पिछले 15 दिन की कार्रवाई में एनटीए आदि संबंधित संस्थानों से रिकार्ड लिया है। श्री जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज भरतपुर व एम्स जोधपुर मेडिकल कॉलेज से भी आवश्यक रिकार्ड मांगा गया है।
यह था मामला
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी नई दिल्ली की ओर से नीट यूजी परीक्षा 2020 के संबंध में परिवादी ने मामला दर्ज करवाया। इसमें बताया कि वर्ष 2020 में आयोजित नीट परीक्षा में सचिन गोरा के स्थान पर अजीत गोरा की फोटो लगाकर आवेदन किया गया था। जिसमें सचिन गोरा के स्थान पर डमी कैंडीडेट बिठाकर परीक्षा में सम्मलित होकर 667 अंक परीक्षा में प्राप्त किए थे। इसी आधार पर सचिन गोरा ने एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए एम्स जोधपुर में प्रवेश लिया था। जबकि सचिन गोरा ने कभी नीट की परीक्षा दी ही नहीं थी। इस संबंध में चौमूं में मामला दर्ज करवाया गया था। मामले की जांच एसीपी चौमूं अशोक चौहान को दी गई थी।
एक आरोपी पहले भी हो चुका है गिरफ्तार
पकड़े गए आरोपियों में सुभाष सैनी ने वर्ष 2013 में भी एग्जाम के नाम धांधली कर नीट पीजी में पास कराने के नाम पर 65 लाख रुपए लिए थे। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।