बता दें कि कृषि विभाग के पास मुख्यालय से लेकर जिला स्तर तक शिकायतों के निवारण और फील्ड कार्रवाई के लिए जिम्मेदारी तय है। लेकिन उसका निर्वहन सही तरीके से नहीं करने के कारण मंत्री को फील्ड में उतरना पड़ा। किशनगढ़ क्षेत्र की फैक्टरियों में खाद निर्माण में मार्बल स्लरी आदि मिलाकर नकली खाद बनाने की शिकायतें विभाग के अधिकारियों के पास भी पहुंची थी। लेकिन विभाग के अधिकारियों ने उन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया।
किरोड़ी लाल मीणा की चेतावनी, नकली बीज बेचकर किसानों को ठगने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
कृषि अधिकारियों को नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश
कृषि विभाग ने आदान विक्रेताओं का निरीक्षण और नमूने लेने की कार्रवाई नियमानुसार करने के निर्देश दिए हैं। विभाग के संयुक्त निदेशक (गुण-नियंत्रण) केके मंगल ने बीज विक्रेताओं के शिष्टमंडल के ज्ञापन का हवाला देते हुए विभाग अधिकारियों को आदान विक्रेताओं को हतोत्साहित नहीं करने, संयमित भाषा का इस्तेमाल करते हुए नियम के तहत अमानक/सब स्टैंडर्ड के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
क्रय-विक्रय समितियों और इफको से जुड़े बिक्री केन्द्रों पर सब्सिडी की खाद खरीद पर किसानों को नैनो (तरल) उत्पाद जबरन बेचने के मामले को कृषि आयुक्तालय ने गंभीरता से लिया है। कृषि आयुक्तालय ने खाद आपूर्ति और निर्माण कम्पनियों को निर्देश दिए हैं कि डीएपी, यूरिया खाद आपूर्ति के दौरान नैनो डीएपी, नैनो यूरिया आदि नहीं बेचें। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने खाद आपूर्ति करने वाली कम्पनियों व एजेंसियों को निर्देश करते हुए कहा कि कुछ कम्पनियां डीएपी और यूरिया के साथ अन्य उत्पाद जैसे नैनो डीएपी, नैनो यूरिया आदि बेच रहे हैं।
अधिकारियों की भूमिका पर सवाल
कृषि आयुक्तालय तक अफसरों की ओर से अनदेखी करने की शिकायत हुई। मंत्री के समक्ष भी किसानों ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल खड़े किए। किसानों का कहना रहा कि यदि अधिकारियों के पास शिकायतें थी तो अब तक विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं क्यों नहीं की गई। यदि अधिकारियों को इसकी भनक नहीं थी तो विभाग को जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
पत्रिका ने चार जून को ‘बिक्री में खेल: सब्सिडी की खाद के साथ जबरन बेच रहे नैनो यूरिया’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसमें बताया कि कई जिलों में सहकारी केन्द्रों पर खाद के साथ नैनो खाद की 500 एमएल की बोतल जबरन बेची जा रही है। नैनो यूरिया नहीं लेने पर किसानों को खाद दिए बिना लौटाया जा रहा है।