जेडीसी आनंदी ने बताया कि इस पहल के तहत आवेदन से लेकर पट्टा जारी होने तक की प्रक्रिया अब पूरी तरह से पेपरलेस हो गई है। इसमें आवेदक का नाम, पता और फोटो सीधे यूआईडीएआई सर्वर से आधार-आधारित ईकेवाईसी (ओटीपी और फेशियल रिकॉग्निशन) के माध्यम से ली जाएगी।
क्या होगा फायदा?
इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोगों को अब बार-बार जेडीए के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब घर बैठे ही पट्टा और लीजडीड की प्रक्रिया को पूरा किया जा सकेगा। साथ ही समय की भी बचत होगी।
कुछ ऐसे होगी प्रक्रिया
आधार आधारित ईकेवाईसी: अब आवेदक का नाम, पता और फोटो सीधे यूआइडीएआइ सर्वर से आधार आधारित ईकेवायसी (ओटीपी और फेशियल रिकॉग्निशन) के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा। इस प्रक्रिया से दस्तावेज सत्यापन में लगने वाला समय समाप्त हो जाएगा। डिजिटल हस्ताक्षर: आवेदन के बाद हलफनामा और पट्टे पर आवेदक और संबंधित उपायुक्त के डिजिटल हस्ताक्षर किए जा सकेंगे। ऑनलाइन ई-स्टांपिंग: सभी प्रकार के स्टाम्प और शुल्क का भुगतान अब ऑनलाइन ई-स्टाम्पिंग के माध्यम से किया जाएगा। इससे भौतिक स्टाम्प पेपर की आवश्यकता खत्म हो जाएगी।
लीज होल्ड से फ्रीहोल्ड: लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड रूपांतरण के मामलों में भी अब भौतिक स्टाम्प पेपर और उपायुक्त के भौतिक हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होगी। यह पूरी प्रक्रिया भी अब ऑनलाइन और कागजरहित होगी।