Jaipur Crime: फर्जी कॉलेज बनाकर किया 23 लाख 64 हजार रुपए का छात्रवृत्ति घोटाला,जानें ऐसे किया खेल
गोविंदगढ़ पुलिस ने गुरुवार को फर्जी कॉलेज बनाकर गलत दस्तावेजों से 23 लाख 64 हजार रुपए की छात्रवृत्ति के घोटाले का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में छात्रवृत्ति घोटाला, पत्रिका फोटो
Scholarship Scam: राजस्थान में गोविंदगढ़ पुलिस ने गुरुवार को फर्जी कॉलेज बनाकर गलत दस्तावेजों से 23 लाख 64 हजार रुपए की छात्रवृत्ति के घोटाले का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का प्रोजेक्ट मैनेजर जयपुर सांगानेर निवासी बलराम गुर्जर, कुचामन नागौर स्थित गुरुकृपा आइटीआइ महाविद्यालय का संचालक श्रवणराम जाट और आष्टी खुर्द गोविंदगढ़ निवासी ईमित्र कियोस्क संचालक विजय कुमार बोचल्या है।
आरोपियों ने फर्जी कॉलेज बनाकर एवं फर्जी दस्तावेजों से 23 लाख 64 हजार रुपए का घोटाला कर भुगतान उठा लिया। घोटाले का खुलासा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक जितेन्द्र कुमार सेठी की दर्ज रिपोर्ट पर हुआ है।
ये है पूरा मामला
डीएसपी राजेश जांगिड़ ने बताया कि चौमूं थाने में 27 मई को जीरो एफआइआर दर्ज करवाई गई थी। गोविंदगढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। रिपोर्ट में विभाग के उपनिदेशक ने आरोप लगाया था कि कियोस्क संचालक विजय बोचल्या व अन्य ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर शिक्षण संस्थान रावत कॉलेज ऑफ वेटरनरी एण्ड एनीमल साइंस, राष्ट्रीय राजमार्ग 48 के पास वार्ड 96 नाघोरी, अलवर का गठन किया और फर्जी आइडी का उपयोग कर इस शिक्षण संस्थान को विभाग के छात्रवृत्ति पोर्टल पर पंजीकृत कर लाखों रुपए की छात्रवृत्ति उठा ली।
एक आरोपी बोचल्या पहले चौमूं शहर में और फिर आष्टी में ई मित्र कियोस्क चला रहा था। आरोपी फर्जी कॉलेज के साथ ही विद्यार्थियों के फर्जी मूल निवास, मार्कशीट सहित अन्य दस्तावेज तैयार करते और विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक पहचान की क्लोनिंग कर कियोस्क आइडी के जरिए एसएसओ आइडी से विभाग में आवेदन भेज कर भुगतान उठा लेते थे।
फरारी के दौरान मैसेंजर ऐप से करते बातचीत
थाना अधिकारी चंद्रशेखर ने बताया कि प्रकरण दर्ज होने पर आरोपी फरार हो गए थे और प्राइवेट मैसेंजर एप का उपयोग कर आपस में बातचीत करते रहे। तकनीकी सहायता से आरोपियों की तलाश शुरू कर गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने छात्रवृत्ति प्राप्त करने की बात कबूली है।
छात्रों-परिचितों के खातों का इस्तेमाल
डीएसपी ने बताया कि आरोपी छात्रवृत्ति की राशि विद्यार्थियों एवं परिचितों के खातों में डलवाते थे। उन्हें कुछ परसंटेज का लालच देकर शेष राशि खाते से निकलवा लेते और बांट लेते। जांच में सामने आया कि सामाजिक न्याय विभाग का प्रोजेक्ट मैनेजर बलराम गुर्जर विभाग से छात्रवृत्ति दिलवाने के नाम पर मोटी राशि वसूल करता था। वहीं आरोपी श्रवण प्रोजेक्ट मैनेजर से पोर्टल से स्वीकृति जारी करवाता और ई मित्र संचालक दस्तावेज तैयार करता।