परिवार में खुशी का माहौल
हर्ष गर्ग के पिता कमल गर्ग सिविल कॉन्ट्रैक्टर हैं। माता मीना गर्ग प्राइवेट टीचर हैं। हर्ष ने अपनी सफलता का श्रेय परिवार को दिया है। परिवार में भी खुशी का माहौल है। हर्ष ने बताया कि उन्होंने शुरुआत में रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई की। परीक्षा के नजदीक रोजाना 12 घंटे तक पढ़ाई की। सीए इंटरमीडिएट में भी 16वीं रैंक आई थी, वहीं फाउंडेशन में भी अच्छा स्कोर रहा। हर्ष कहते हैं कि 7वीं रैंक की उम्मीद नहीं थी, बस यह पता था कि अच्छी रैंक आएगी। लक्ष्य तय कर करें पढ़ाई
सुभाष नगर निवासी नारायण गगड़ की सीए फाइनल में 20वीं रैंक आई है। नारायण ने बताया कि उन्होंने रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई की है। शुरुआत में ऑनलाइन क्लासें ली। इसके बाद 6 माह सेल्फ स्टडी की। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता—पिता व बुआ को दिया है। नारायण का कहना है कि बच्चों को लक्ष्य बनाकर पढ़ाई करनी चाहिए। रोजाना का टारगेट तय करके पढ़ाई करने से सफलता मिल जाती है।
सेल्फ स्टडी के लिए जो समय मिले, उसका उपयोग करें
टोंक रोड स्थित महावीर नगर में रहने वाली श्रुति अग्रवाल ने 32वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व टीचर को दिया है। श्रुति ने बताया कि उन्होंने शुरुआत में रोजाना 6-7 घंटे पढ़ाई की, परीक्षा नजदीक आने पर 10 से 11 घंटे रोजाना पढ़ाई की। श्रुति का कहना है कि सेल्फ स्टडी के लिए जो भी समय मिले, उसका सही उपयोग करना चाहिए। श्रुति के पिता सीताराम टिमाणी व्यवसाई है, जबकि मां मधु अग्रवाल गृहणी है।