राज्य में चिकित्सा ढ़ांचा सुदृढ़ करने के लिए चिकित्सा केन्द्रों को क्रमोन्नत करने तथा नवीन चिकित्सालय प्रारम्भ करने जैसी बजट घोषणाएं की गई हैं। इन घोषणाओं के क्रियान्वयन में अधिक आवश्यकता के आधार पर स्थानों का चयन करें, जिससे अधिक से अधिक लोगों को चिकित्सा सुविधाओं का लाभ सुनिश्चित हों। उन्होंने निर्देश दिए कि बजट घोषणाओं में शामिल निर्माण संबंधी कार्यों को पूरा करने की समयसीमा तय कर नियमित रूप से मॉनिटरिंग करें एवं रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
सीएम भजनलाल शर्मा रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित राज्य बजट 2024-25 तथा 2025-26 की लंबित बजटीय घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
6 करोड़ 20 लाख से अधिक नागरिकों के आभा आईडी बनाकर राजस्थान देशभर में दूसरे स्थान पर है। साथ ही, बजट घोषणा की अनुपालना में प्रदेश में स्वास्थ्य शिविर लगाकर 1 करोड़ 68 लाख से अधिक आभा लिंक्ड ई-हैल्थ रिकॉर्ड भी बनाए जा चुके हैं।
रिम्स के रूप में विकसित हो रहा आरयूएचएस
राज्य में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा को नई ऊंचाइयां देने के लिए राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइसेंज (आरयूएचएस) का उन्नयन कर एम्स, दिल्ली की तर्ज पर राजस्थान इंस्ट्यिट ऑफ मेडिकल साइसेंज (रिम्स) की स्थापना की जा रही है। इस पर चरणबद्ध रूप से 750 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। इसके डिजाइनिंग एवं प्लानिंग संबंधी प्रगतिरत कार्यों में और अधिक गति लाते हुए इसे समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाएगा।
आरजीएचएस के दुरूपयोग पर लगे अंकुश
राज्य सरकार के कार्मिकों एवं पेंशनर्स के लिए संचालित आरजीएचएस योजना को अधिक सुलभ करते हुए इसे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सौंपा गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग इस योजना में पूरी तरह पारदर्शिता एवं जवाबदेहिता सुनिश्चित करें एवं इसका दुरूपयोग करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। श्री शर्मा ने कहा कि इस कार्य में लिप्त संस्थाओं के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए। योजना के दुरूपयोग की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा फ्रॉड डिडक्शन सॉफ्टवेयर जैसी तकनीकों की मदद ली जाए।
चिकित्सा क्षेत्र में निरन्तर की जा रही भर्तियां
स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के क्रम में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ ही, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों पर निरन्तर भर्तियां की जा रही है। हाल ही में, चिकित्सा अधिकारियों के 1699 पदों पर नियुक्ति प्रदान की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि भविष्य में रिक्त होने वाले पदों का भी पूर्ण विवरण तैयार किया जाए ताकि कार्मिकों के सेवानिवृत होने पर रिक्त पदों को शीघ्र भरा जा सके।