Bhankrota: CNG ट्रक में 60 सिलेंडर… प्रेशर से वॉल्व का पाइप खुला; गैस रिसाव से अफरा-तफरी, अब प्रदेशभर में होगी जांच
Jaipur-Ajmer Highway: अजमेर रोड के भांकरोटा में डीपीएस कट पर गुरुवार देर रात बड़ा हादसा टला गया। टॉरेंट कम्पनी के सीएनजी ट्रक में गैस प्रेशर से वॉल्व की पाइप खुल गई और तेजी से गैस रिसाव शुरू हो गया।
जयपुर। अजमेर रोड के भांकरोटा में डीपीएस कट पर गुरुवार देर रात एक बार बड़ा हादसा टला गया। टॉरेंट कम्पनी के सीएनजी ट्रक में गैस प्रेशर से वॉल्व की पाइप खुल गई और तेजी से गैस रिसाव शुरू हो गया। जैसे ही ट्रक चालक को रिसाव का पता चला तो उसने पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना दी। सूचना से हाईवे पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया। बाद में गैस रिसाव रोककर ट्रक को रवाना किया गया।
भांकरोटा थानाधिकारी मनीष गुप्ता ने बताया कि भांकरोटा में डीपीएस कट के पास सीएनएजी ट्रक में 60 सिलेंडर भरे हुए थे। ट्रक में गैस रिसाव का पता चलते ही भांकरोटा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पुलिस व गैस कंपनी के अधिकारियों को सूचना दी। हाईवे पर ट्रैफिक रोककर डायवर्ट किया। सूचना पर मानसरोवर फायर स्टेशन से दमकल मौके पर पहुंची।
गैस रिसाव को रोककर ट्रक को 500 मीटर दूर रिंगरोड की तरफ सुरक्षित ले जाकर खड़ा करवाया। उसके बाद ट्रक की जांच के बाद उसे रवाना किया गया। पौन घंटे के बाद यातायात सुचारू हो सका। सीएनजी गैस से भरा ट्रक कालवाड़ रोड की ओर से जयपुर ट्रांसपोर्ट नगर जा रहा था।
सिलेंडरों ने नहीं पकड़ी आग
हाईवे पर ट्रक में गैस रिसाव की सूचना मिलते ही भांकरोटा चेतक ड्राइवर सुनील कुमार और चेतक इंचार्ज राजूराम मौके पर पहुंचे। उन्होंने सूझबूझ दिखाते हुए हाईवे पर यातायात रोककर डायवर्ट किया। गनीमत रही कि सिलेंडरों ने आग नहीं पकड़ी वरना फिर से भांकरोटा दहल उठता।
जहां भीषण अग्निकांड, वहीं जगह
गुरुवार देर रात उसी जगह डीपीएस कट पर गैस रिसाव हुआ जहां पिछले साल 20 दिसंबर को भीषण अग्निकांड हुआ था। जिसमें 20 लोगों की जिंदा जलने से मौत हुई थी। वहीं 30 जने घायल हुए थे। ज्ञात रहे कि भांकरोटा से होकर गुजरने वाले अजमेर नेशनल हाईवे से रोज करीब 2 लाख से भी ज्यादा वाहन गुजरते हैं। इनमें करीब 70 फीसदी चौपहिया वाहन होते हैं।
खतरनाक और जोखिम पूर्ण सामग्री का परिवहन करने वाले वाहनों की अब प्रदेश भर में जांच होगी। लगातार हो रहे हादसों के बाद पुलिस महानिदेशक यातायात अनील पालीवाल ने प्रदेश भर में ऐसे वाहनों की जांच करने निर्देश दिए हैं। पहली बार नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर एक वर्ष की जेल या 10 हजार रुपए जुर्माना और तीन माह तक लाइसेंस अयोग्य घोषित किया जाएगा। दोबारा पकड़े जाने पर तीन वर्ष की जेल और 20 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।