उन्होंने चीन की कथित घुसपैठ और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत विरोधी बयानों को लेकर केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए। अशोक गहलोत ने कहा कि ’56 इंच के सीने’ का दावा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी एक कमजोर नेता साबित हो रहे हैं।
गहलोत ने किया राहुल गांधी का समर्थन
पूर्व सीएम गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने देशहित में जो सवाल उठाए, वे पूरी तरह जायज हैं। उन्होंने दावा किया कि चीन ने भारत की सीमा में 2000 किलोमीटर तक घुसपैठ की है और यह जानकारी गलवान घाटी सहित कई क्षेत्रों में पहले से ही मीडिया के माध्यम से सामने आ चुकी है। उन्होंने राहुल गांधी को देशभक्त बताते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए बेबाकी से आवाज उठा रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार संसद में इस मुद्दे पर बहस से बच रही है। गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार न तो चीन और पाकिस्तान के खिलाफ राजनयिक मोर्चे पर मजबूती दिखा पा रही है और न ही आर्थिक व सामरिक चुनौतियों का सामना कर पा रही है।
गहलोत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों पर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच 30 बार सीजफायर करवाने का दावा किया और अब वह भारत के व्यापारिक हितों के खिलाफ फैसले ले रहे हैं। इसके बावजूद, प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार भी ट्रंप का नाम लेकर जवाब देने की हिम्मत नहीं दिखाई।
अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस नेता ने कहा कि चीन और पाकिस्तान अब खुलकर भारत के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। भारतीय सेनाओं ने भले ही सीमा पर मजबूती दिखाई, लेकिन राजनैतिक और राजनयिक स्तर पर भारत अकेला पड़ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार संसद में स्पष्ट जवाब देने की बजाय मुद्दों को टाल रही है।
गहलोत ने बेरोजगारी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा और कहा कि युवाओं में हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन मोदी सरकार रोजगार सृजन में पूरी तरह विफल रही है।
राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने बुधवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिका में चल रही जांच के कारण मोदी डोनाल्ड ट्रंप के सामने कमजोर पड़ रहे हैं। राहुल ने दावा किया कि इस जांच से अदाणी, मोदी और रूसी तेल सौदों के बीच कथित वित्तीय संबंधों का खुलासा होने का खतरा है, जिसके कारण मोदी के ‘हाथ बंधे हुए’ हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप की बार-बार धमकियों के बावजूद मोदी जवाब देने में असमर्थ हैं। बताते चलें कि टैरिफ को लेकर भारत और अमेरिका के बीच चल रहे तनाव के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से कहा कि बड़ी मात्रा में रूसी तेल खरीदने के लिए अमेरिका भारत पर काफी बढ़ा हुआ टैरिफ लगाएगा। उन्होंने दावा किया कि रूस से खरीदे गए तेल का हिस्सा खुले बाजार में भारी मुनाफे पर बेचा जा रहा है।