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जयपुर

राजस्थान: जेलों में बंदियों को सुधरने नहीं देते अधिकारी-कर्मचारी, पहुंचाते आपत्तिजनक सामग्री, ऐसे हुआ खुलासा

राजस्थान की जेलों में सुरक्षा सवालों के घेरे में है। दो साल में कैदियों के पास हथियार और आपत्तिजनक सामान मिले। इसकी जानकारी गृह विभाग ने विधानसभा में दी, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।

जयपुरJul 11, 2025 / 06:02 pm

Santosh Trivedi

Rajasthan jail

फोटो पत्रिका

जयपुर। अपराधियों को जेल भेजने के पीछे मुख्य उद्देश्य कैदी के सुधार, समाज की सुरक्षा और अपराधों की संख्या में कमी लाना है। इसके लिए जेल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मुख्य जिम्मेदारी होती है, लेकिन जेल के अधिकारी/कर्मचारी ही इस उद्देश्य से भटक जाए तो कैदियों/बंदियों का सुधरना मुश्किल है। यानी कैदी/बंदी सुधरना भी चाहे तो छोटे से लालच के लिए अधिकारी/कर्मचारी उन्हें सुधरने नहीं देते।
राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार पिछले दो साल में प्रदेश की विभिन्न जेलों में ऐसे कई प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें तलाशी के दौरान कैदियों/बंदियों के पास हथियार सहित विभिन्न प्रकार की आपत्तिजनक सामाग्री मिली।
चिंता का विषय यह है कि कैदियों/बंदियों तक आपत्तिजनक सामग्री पहुंचाने में जेल के अधिकारी/कर्मचारी लिप्त पाए गए। उनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज करवाई गई। इसमें केन्द्रीय कारागृह जोधपुर, जिला कारागृह जैसलमेर, केन्द्रीय कारागृह अलवर, केन्द्रीय कारागृह भरतपुर, केन्द्रीय कारागृह उदयपुर के 11 कार्मिकों के खिलाफ 17 सीसीए व 16 सीसीए के तहत कार्रवाई की गई है।

राजस्थान की जेलों में आपत्तिजनक सामग्री मिलने के बाद दर्ज FIR

जेल का नाम20222023
केन्द्रीय कारागृह, जयपुर57
केन्द्रीय कारागृह, अलवर107
केन्द्रीय कारागृह, भरतपुर67
केन्द्रीय कारागृह, उदयपुर110
केन्द्रीय कारागृह, जोधपुर118
केन्द्रीय कारागृह, गंगानगर41
केन्द्रीय कारागृह, बीकानेर92
केन्द्रीय कारागृह, अजमेर31
केन्द्रीय कारागृह, कोटा21
उच्च सुरक्षा कारागृह, अजमेर52
विशिष्ट केन्द्रीय कारागृह, श्यालावास12
महिला बंदी सुधारगृह, जोधपुर10
महिला बंदी सुधारगृह, जयपुर01
जिला कारागृह, जयपुर01
जिला कारागृह, सिरोही20
जिला कारागृह, धौलपुर23
जिला कारागृह, हनुमानगढ़102
जिला कारागृह, प्रतापगढ़43
जिला कारागृह, चित्तौड़गढ़46
जिला कारागृह, बाड़मेर22
जिला कारागृह, बांसवाड़ा01
जिला कारागृह, जैसलमेर11
जिला कारागृह, टोंक10
जिला कारागृह, चूरू11
उप कारागृह, सूरतगढ़61
उप कारागृह, डीग02
उप कारागृह, बहरोड़10
उप कारागृह, श्रीकरणपुर12
उप कारागृह, बालोतरा10
कुल9474

एक साल में 20,896 निरीक्षण, दूसरे में मात्र 3001

वर्ष 2022 व 2023 में प्रदेशों की जेलों में जेल प्रशासन की ओर से ली गई तलाशी की कहानी भी अजीब है। विधायक डॉ. जसवन्तसिंह यादव के सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने बताया कि वर्ष 2022 में जेल प्रशासन ने प्रदेश की 103 जेलों में कुल 20,896 बार तलाशी ली, लेकिन अगले वर्ष यानी 2023 में मात्र 3001 बार ही तलाशी ली गई। यही नहीं पुलिस प्रशासन की ओर से वर्ष 2022 में मात्र 62 बार तलाशी ली गई, जबकि 2023 में 124 बार तलाशी ली। इसमें बांदीकुई, सांभरलेक, बहरोड़, हिंडौनसिटी, राजगढ़, अकलेरा ऐसी जेल है, जहां वर्ष 2022 में एक बार भी तलाशी नहीं ली गई।

दो साल में 168 एफआईआर

shylawas jail
जेलों में तलाशी के दौरान मिली आपत्तिजनक वस्तुओं को लेकर जेल प्रशासन ने दो साल में कुल 168 एफआईआर दर्ज करवाई। इसमें वर्ष 2022 में 94 तथा 2023 में 74 एफआईआर बंदियों के खिलाफ दर्ज करवाई गई। आपत्तिजनक वस्तुओं में हथियार के साथ मुख्य रूप से मोबाइल फोन, बैटरी, चार्जर, सिम, ईयरफोन, डाटा केबल, गुटखा-जर्दा, बीड़ी-तम्बाकू, मादक पदार्थ आदि शामिल हैं।

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