वर्तमान में प्रदेश में 1.70 लाख मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है, जिसमें श्री गंगानगर (18,777 टन), जोधपुर (12,971 टन), टोंक (11,900 टन), नागौर (8,851 टन) और बारां (8,583 टन) में पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। कम उपलब्धता वाले जिलों में अगले 3-4 दिनों में आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
शासन सचिव कृषि राजन विशाल ने बताया कि केंद्र सरकार के साथ समन्वय कर मांग के अनुरूप उर्वरकों की आपूर्ति की जा रही है। अप्रैल से अगस्त तक केंद्र द्वारा स्वीकृत 8.82 लाख टन यूरिया के विरुद्ध 6.97 लाख टन की आपूर्ति हो चुकी है, और अगस्त में शेष 1.85 लाख टन की आपूर्ति के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा, डीएपी के साथ वैकल्पिक उर्वरक एनपीके और एसएसपी की भी पर्याप्त आपूर्ति की गई है।
कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने बताया कि इस वर्ष मानसून की अच्छी बारिश के कारण बुवाई में 16.12 लाख हैक्टेयर की वृद्धि हुई है, विशेष रूप से मक्का, धान और कपास की फसलों में।
इस वजह से यूरिया की मांग बढ़ी है। विभाग ने कालाबाजारी और अनियमितता रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं, जिसमें 39 विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित, 9 निरस्त, और 44 एफआईआर दर्ज की गई हैं। सीमावर्ती जिलों में चौकसी बढ़ाकर यूरिया के दुरुपयोग को रोका जा रहा है।
कृषि विभाग की इन पहलों से किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक समय पर उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे खरीफ सीजन में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।