एसओजी के एसपी ज्ञानचंद यादव ने बताया कि विभिन्न तरीकों से सूचना मिली थी कि कई लोगों ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र से सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली। इस पर एएसपी भवानी शंकर मीणा के नेतृत्व में टीम ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों का बोर्ड गठित कर दिव्यांग श्रेणी के लोक सेवकों का वापस मेडिकल करवाया।
24 लोग दिव्यांग कैटेगिरी के लिए अनफिट
मेडिकल बोर्ड से प्राप्त रिपोर्ट खुलासा हुआ की इनमें से मात्र 5 लोक सेवक ही 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांग होना पाए गए। इसके अलावा 24 तथाकथित दिव्यांगों को मेडिकल बोर्ड ने दिव्यांग कैटेगिरी के लिए अनफिट बताया। उन्होंने बताया कि श्रव्यबाधित 13 में से 13 लोक सेवक दिव्यांग कैटेगिरी के लिए अनफिट पाए गए। दृष्टिबाधित तथाकथित 8 दिव्यांगों में से 6 दिव्यांग कैटेगिरी के नहीं पाए गए। इसी प्रकार लोकोमोटर एवं अन्य प्रकार के दिव्यांगता वाले 8 लोक सेवकों में से 5 दिव्यांग कैटेगिरी के लिए अनफिट पाए गए।
मेडिकल रिपोर्ट में ये अयोग्य पाए गए
महेन्द्र पाल सिंह निवासी धोटी (राजसमंद), सवाई सिंह गुर्जर निवासी हिण्डौन (करौली), हंटु गुर्जर निवासी श्यामपुरा (आमेर), मनीष कुमार कटारा निवासी दाहिना (भरतपुर), केशव उर्फ खुब्बाराम यादव निवासी सांवत (किशनगढ़ रेनवाल), कविता यादव निवासी सांवत (किशनगढ़ रेनवाल), बिकेश कुमार निवासी केलूरी (नदबई), भानुप्रताप कटारा निवासी दाहिना (रूपवास), नफीस निवासी सबलाना (कामां), रणजीत सिंह निवासी नंगला अलागरीजी (बयाना), कलुआ राम सिंह निवासी नंगला अलागरीजी (बयाना), पवन कुमार सिंह निवासी आबूरोड रिको (सिरोही) अयोग्य पाए गए। साथ ही, विनोद कंवर शेखावत निवासी आबूरोड शहर (सिरोही), दिनेश कुमार बिश्नोई निवासी खरड, धोरीमन्ना (बाड़मेर), लोकेश निवासी नदबई (भरतपुर), संजय निवासी नोखा (बीकानेर), दीपू निवासी सबलपुर (डीडवान-कुचमान), गेपु राम निवासी रास (पाली), प्रशांत सिंह निवासी आबूरोड शहर (सिरोही), छिन्दपाल सिंह निवासी केसरीसिंहपुर (गंगानगर), आसी कुमारी निवासी बाड़मेर ग्रामीण, डॉ शंकर लाल मीणा निवासी कोतवाली (बूंदी), जगदीश चौधरी निवासी रुपनगढ़ (अजमेर), किशोर सिंह निवासी सबलपुर (डीडवाना-कुचामन) भी अयोग्य पाए गए।