इस भीषण गर्मी में कुल 13 शहरों में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया। इनमें शामिल हैं –अलवर, पिलानी, कोटा, चित्तौड़गढ़, बाड़मेर, जैसलमेर, फलोदी, बीकानेर, चूरू, गंगानगर, सांगरिया, करौली, लूणकरणसर शहर शामिल हैं।
राजधानी जयपुर में तापमान 43.8 डिग्री रहा, जो सामान्य से 2.6 डिग्री अधिक है। वहीं, कोटा में गर्मी का प्रभाव और भी तेज रहा जहां अधिकतम तापमान 45.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 34.8 डिग्री तक पहुंच गया, जो सामान्य से 4.1 डिग्री अधिक रहा।
फालोदी में अधिकतम तापमान 45.2 डिग्री, बीकानेर में 45.8 डिग्री, जैसलमेर में 45.0 डिग्री और चित्तौड़गढ़ में 44.9 डिग्री दर्ज किया गया। पिलानी, चूरू और डूंगरपुर जैसे शहरों में भी पारा 44 से ऊपर रहा, जिससे आम लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ।
इस अत्यधिक गर्मी के बीच मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक लू और हीटवेव के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। लोगों को दिन के समय बाहर निकलने से बचने, पर्याप्त पानी पीने और सुरक्षात्मक उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
9 जून को राजस्थान का सबसे गर्म शहर गंगानगर रहा, और 13 शहरों में तापमान 44 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में गर्मी से राहत फिलहाल संभव नहीं है।
राजस्थान में गर्मी का प्रकोप जारी: पश्चिमी जिलों में लू और ऊष्ण रात्रियों का कहर, पूर्वी जिलों में आ सकती है आंधी-पानी
राजस्थान में इस समय भीषण गर्मी का दौर चल रहा है और मौसम विभाग ने अगले एक सप्ताह तक प्रदेश के कई हिस्सों में लू व ऊष्ण रात्रियों की चेतावनी जारी की है। विशेष रूप से पश्चिमी राजस्थान के जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा और गर्म हवाएं जनजीवन को प्रभावित करेंगी।
गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में आगामी दो से तीन दिनों तक तापमान 47 से 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। इन इलाकों में तीव्र लू और गर्म रातों की चेतावनी दी गई है। लगातार ऊंचा तापमान और गर्म हवाओं के कारण आमजन को सतर्क रहने की जरूरत है।
बीकानेर संभाग और आसपास के क्षेत्रों में 9 से 11 जून के दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज गर्म हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। इन हवाओं के कारण खुले स्थानों पर आग लगने का खतरा भी बढ़ सकता है।
पूर्वी राजस्थान की बात करें तो यहां भी मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। जयपुर, अलवर, कोटा, भरतपुर, दौसा और करौली जैसे जिलों में भी आगामी 3 से 4 दिनों तक लू और ऊष्ण रात्रियों का दौर जारी रहने की संभावना है। हालांकि, इन जिलों में कहीं-कहीं बादल छाने और उमस बढ़ने की स्थिति बन सकती है।
कोटा और भरतपुर संभाग के कुछ हिस्सों में 15 से 16 जून के बीच मेघगर्जन के साथ हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है, जिससे इन क्षेत्रों में गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन तब तक लोगों को सतर्क रहने और गर्मी से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
क्या करें, क्या न करें:
दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें। छतरी, टोपी या गमछे का प्रयोग करें। खूब पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें। वृद्धों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखें। राजस्थान के लोग इस समय वर्ष की सबसे कठिन गर्मी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में प्रशासन और आमजन को मिलकर सतर्कता बरतनी होगी ताकि लू से होने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सके।