बैठक के दौरान डॉ. भंवरलाल ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि बिजली चोरी को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त न किया जाए। उन्होंने इसे न केवल आर्थिक हानि, बल्कि ईमानदार उपभोक्ताओं के साथ अन्याय करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शिकायत की निष्पक्ष जांच हो, ताकि निर्दोष परेशान न हो और दोषी बच न पाए।
तीन महीने की रिपोर्ट के अनुसार, जोधपुर ग्रामीण सर्कल में सर्वाधिक 142 मामलों में ₹53.90 लाख वसूले गए। बीकानेर ग्रामीण में 133 मामलों से 21.81 लाख रुपए और बीकानेर सिटी में 71 मामलों से 22.31 लाख रुपए की वसूली हुई। पाली, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बाड़मेर, जालोर, जैसलमेर और चूरू में भी सक्रियता से अभियान चलाया गया।
बैठक में यह भी बताया गया कि यह अभियान आने वाले महीनों में और अधिक व्यापक रूप से जारी रहेगा। उपभोक्ताओं से अपील की गई कि वे बिजली चोरी की जानकारी निडर होकर दें, जिससे एक पारदर्शी और न्यायसंगत ऊर्जा व्यवस्था बनाई जा सके।
डॉ. भंवरलाल ने कार्य में लापरवाही बरतने वालों पर भी कार्रवाई करते हुए सतर्कता विभाग के सहायक अभियंता अरुण कुमार बोडाना (सिरोही) को निलंबित किया और गोपालराम सारण (फलोदी) को चार्जशीट थमाई। डिस्कॉम ने दोहराया कि उसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली सेवा देना है और इस दिशा में किसी भी तरह की कोताही स्वीकार नहीं की जाएगी।