scriptक्या नहीं बनेगा डूंगरी बांध? सांसद ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से की मुलाकात, डूब क्षेत्र में 3 जिलों के 76 गांव शामिल | Dungri dam be cancelled MP bhajanlal jatav meet Jal Shakti 76 villages of 3 districts will get benefit | Patrika News
जयपुर

क्या नहीं बनेगा डूंगरी बांध? सांसद ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से की मुलाकात, डूब क्षेत्र में 3 जिलों के 76 गांव शामिल

करौली-धौलपुर के सांसद भजनलाल जाटव ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से मुलाकात कर बांध को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है।

जयपुरAug 01, 2025 / 05:24 pm

Lokendra Sainger

DUNGARI DAM

Photo- Patrika Network

Dungri Dam: श्रीराम जल सेतू लिंक परियोजना के तहत बनास नदी पर प्रस्तावित डूंगरी बांध करौली, सवाई माधोपुर और धौलपुर जिलों के 76 गांवों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। इस परियोजना का उद्देश्य 13 जिलों को सिंचाई और पेयजल उपलब्ध कराना है, लेकिन इसके डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों के विस्थापन को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में विरोध देखने को मिल रहा है।
करौली-धौलपुर के सांसद भजनलाल जाटव ने संसद में डूंगरी बांध के मुद्दे को गंभीरता से उठाया है। साथ ही नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से मुलाकात कर बांध को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की।
सांसद ने इस मामले को लेकर संसद में कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र करौली-धौलपुर में सरकार डूंगरी बांध बनाने का काम करने जा रही है। वहां पर तकरीबन 76 गांव हैं और इन 76 गांवों में पूर्वजों की संस्कृति उनके मकान, प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। सरकार ने बगैर सहमति लिए हुए, सरकार डूंगरी बांध बनाने का काम किया जा रहा है। जिससे स्थानीय लोगों को कोई फायदा नहीं है। मैं सरकार से निवेदन करना चाहता हूं कि डूंगरी बांध को निरस्त कर आम जनता को लाभ देना का काम करें।

ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन

डूंगरी बांध के विरोध में करौली, सवाई माधोपुर, और धौलपुर के 76 गांवों के ग्रामीणों ने एकजुट होकर कई महापंचायतें और प्रदर्शन आयोजित कर रहे है। 6 जुलाई को डूंगरी गांव, 22 जून को भूरीपहाड़ी, और 13 जुलाई को सपोटरा में जिला स्तरीय महापंचायतें आयोजित की गईं। 27 जुलाई को मकसूदनपुरा-चौहानपुरा में देवनारायण मंदिर के पास एक विशाल महापंचायत में हजारों ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।
ग्रामीणों का कहना है कि बांध से उनकी उपजाऊ कृषि भूमि, प्राकृतिक जल स्रोत, और सांस्कृतिक धरोहर नष्ट हो जाएगी। रणथम्भौर टाइगर रिजर्व और कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य का 22-37 वर्ग किलोमीटर हिस्सा भी डूब क्षेत्र में आ सकता है, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान होगा। पहले चरण में 76 गांवों के लगभग 50,000 दलित, आदिवासी और किसान परिवारों के विस्थापन का खतरा है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सात पीढ़ियों की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर नष्ट हो जाएगी।

Hindi News / Jaipur / क्या नहीं बनेगा डूंगरी बांध? सांसद ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से की मुलाकात, डूब क्षेत्र में 3 जिलों के 76 गांव शामिल

ट्रेंडिंग वीडियो