scriptडॉक्टर्स डे 2025: सालों की तपस्या से बने ‘मसीहा’, मिलिए उन डॉक्टर्स से, जिनकी निस्वार्थ सेवा से मुस्कुराए हजारों चेहरे | Doctors Day Special 2025: Years of hard work have made them 'Messiahs', meet those doctors whose selfless service has brought smiles to thousands of faces | Patrika News
जयपुर

डॉक्टर्स डे 2025: सालों की तपस्या से बने ‘मसीहा’, मिलिए उन डॉक्टर्स से, जिनकी निस्वार्थ सेवा से मुस्कुराए हजारों चेहरे

जयपुर के डॉ. अंजनी कुमार शर्मा और डॉ. वीरेंद्र सिंह अपनी निस्वार्थ सेवा से लोगों के लिए मसीहा बन गए हैं।

जयपुरJul 01, 2025 / 04:05 pm

SAVITA VYAS

dr anjani kumar sharma

डॉक्टर अंजनी कुमार शर्मा, Photo- Patrika

जयपुर/सविता व्यास

भारत का असली दिल गांवों में धड़कता है, लेकिन वहां चिकित्सा सुविधाओं की कमी आज भी एक बड़ी चुनौती है। ग्रामीणों को बेहतर इलाज के लिए अभी भी ग्रामीणों को शहरों की ओर रूख करना पड़ता है। जयपुर में एक डॉक्टर ऐसे भी हैं, जिन्होंने ग्रामीणों को मुफ्त में चिकित्सा सेवा देने का संकल्प लिया है। लग्जरी लाइफ छोड़कर डॉक्टर गांव में जाते हैं और मरीजों की दुखती नस पर हाथ रखते हैं। यहीं कारण है कि गांव वाले उन्हें मसीहा मानते हैं।
जयपुर से 75 किमी दूर श्रीमाधोपुर में हर महीने के आखिरी रविवार को डॉ. अंजनी कुमार शर्मा का निशुल्क क्लिनिक ग्रामीणों के लिए उम्मीद की किरण बनता है। पिछले 20 सालों से वे सालाना 1,300 से अधिक मरीजों का मुफ्त इलाज करते हैं, जिनमें चूरू, झुंझुनूं, अलवर, सीकर और हरियाणा के मरीज शामिल हैं। सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के पूर्व वरिष्ठ प्रोफेसर एवं यूनिट प्रमुख डॉ. अंजनी कहते हैं, ‘गांव के लोग भी मेरा परिवार हैं, उनको स्वस्थ रखना मेरी जिम्मेदारी है।’
25 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ डॉ. शर्मा ने स्ट्रोक, मिर्गी और न्यूरोमस्कुलर विकारों जैसे जटिल रोगों का इलाज किया है। लेकिन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है अपने गांव के लोगों के लिए समय निकालना और उन्हें मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं देना। वह अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद गांव में मरीजों की सेवा को प्राथमिकता देते हैं। गांव के लोगों को स्वस्थ रखने का बीड़ा उठाने वाले डॉ अंजनी कुमार शर्मा कई पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। डॉ. अंजनी कुमार शर्मा जयपुर के सवाईमानसिंह अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष भी रह चुके हैं।

डॉ. वीरेंद्र सिंह : कोविड योद्धा और अस्थमा का नया समाधान

डॉ. वीरेंद्र सिंह

श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. वीरेंद्र सिंह ने न केवल चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति लाए, बल्कि अपनी मानवीय संवेदना से लाखों मरीजों का दिल जीता। डॉ वीरेंद्र सिंह न केवल मरीजों को ठीक करते हैं, बल्कि उनमें उम्मीद की रोशनी भी जलाते हैं। कोविड-19 महामारी में उन्होंने 10,000 से अधिक मरीजों का इलाज किया, तब भी जब वे खुद तीन बार इस बीमारी की चपेट में आए।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और एमडी करने वाले डॉ. वीरेंद्र ने पिंक सिटी फ्लो मीटर और लंग एक्सरसाइजर जैसे आविष्कार किए, जो अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों के लिए वरदान बने। 46 साल की चिकित्सा यात्रा में उन्होंने 15 लाख मरीजों का इलाज किया।
इंडियन अस्थमा केयर सोसाइटी के जरिए तंबाकू विरोधी अभियान चलाकर उन्होंने गुटखा प्रतिबंध और सीओटीपी कानून में योगदान दिया। डॉ. वीरेंद्र सिंह की का मानना हैं कि सच्ची तपस्या और समर्पण से समाज को बदला जा सकता है। उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो समाज के लिए कुछ करना चाहता है।

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