दरअसल, बाड़मेर जिला पहले बालोतरा जिला एवं सेशन न्यायालय के अधीन था, अब बालोतरा के नवीन राजस्व जिला बनने के बाद स्वतंत्र जिला एवं सेशन न्यायालय प्राप्त करेगा।
सरकार ने की अधिसूचना जारी
बता दें, राज्य सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है, जिसे न्याय तक पहुंच को आसान बनाने और लंबित मामलों के बोझ को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इन नए न्यायालयों में जिला एवं सेशन जज, अतिरिक्त जिला जज और अन्य न्यायिक अधिकारी नियुक्त होंगे। साथ ही, इनके संचालन के लिए भवन, कर्मचारी और तकनीकी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। दूरदराज के लोगों को मिलेगा फायदा
यह पहल ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी। स्थानीय स्तर पर न्यायिक सुविधाओं की उपलब्धता से छोटे-मोटे विवादों के लिए लोगों को बड़े शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। माना जा रहा है कि नए न्यायालयों से न केवल न्यायिक प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी न्याय आसानी से उपलब्ध होगा।
बताया जा रहा है कि सरकार ने इन न्यायालयों के लिए बजट और भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उम्मीद है कि 2025 के अंत तक ये न्यायालय कार्यशील हो जाएंगे।