पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री शर्मा ने ऐलान किया कि पर्यावरण दिवस एवं गंगादशमी के अवसर पर पांच जून को पूरे प्रदेश में जलाशयों के पुनर्जीवन का अभियान शुरू किया जाएगा। अमृतं जलम् अभियान के तहत रामगढ़ बांध से मिट्टी निकाली जाएगी और इसके कैचमेंट को अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा। राजस्थान पत्रिका के झालाना परिसर में सोमवार को “रामगढ़ बांध, जयपुर की जीवनरेखा की पुनर्स्थापना” विषय पर संवाद का आयोजन किया गया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री शर्मा सहित जयपुर के जनप्रतिनिधियों ने उत्साह दिखाते हुए पार्टीलाइन से ऊपर उठकर पानी को लेकर चिंता जाहिर की। शर्मा ने कहा कि रामगढ़ बांध राजस्थान के लिए जनसहभागिता का मॉडल होगा और आने वाले दिनों में राजस्थान में अन्य राज्यों से अधिक पानी होगा। पत्रिका समूह के डिप्टी एडिटर भुवनेश जैन ने पत्रिका के सामाजिक सरोकारों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि रामगढ़ बांध को लेकर पत्रिका के समाचार अभियानों का ही असर था कि हाईकोर्ट ने प्रसंज्ञान लेकर बांध के भराव क्षेत्र में अतिक्रमणों को हटाने के निर्देश दिए। संतोष की बात यह है कि सरकार अब ईसरदा बांध से रामगढ़ तक पानी लाकर इसके पुनर्जीवन की तैयारी कर रही है।
सीएम का आह्वान, सभी जनप्रतिनिधि करें सरपंचों व ग्रामीणाें को प्रेरित
मुख्यमंत्री ने जयपुर शहर सांसद मंजू शर्मा व जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेन्द्र सिंह व जयपुर के सभी विधायकों से आह्वान किया कि वे पांच जून को अभियान की शुरुआत से पहले सरपंचों व ग्रामीणों से जाकर मिलें और अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लोगों को प्रेरित करें। सभी प्रभारी मंत्रियों से कहा कि वे पर्यावरण दिवस के दिन अपने प्रभार वाले जिलों में जाएं और जलस्रोतों के पुनर्जीवन के अभियान की विधिवत आधारशिला रखें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस साल 10 करोड़ पेड़ लगाए जाएंगे और इससे पहले उनके लिए गड्ढे खुदवाकर धूप लगाई जाएगी।
रुकावट दूर करें जनप्रतिनिधि
पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद रामगढ़ बांध में पानी आने के रास्तों से अतिक्रमण नहीं हटने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि हमारे पास एक माह से भी कम समय है, इसके लिए जनप्रतिनिधि सरपंचों से बात कर उन्हें रामगढ़ बांध के पुनर्जीवन के अभियान से जोड़े। उन्होंने कहा कि अमृतं जलम् में हम तो बांध से मिट्टी निकालने का आह्वान कर रहे हैं। जनप्रतिनिधि सरकार और उसके प्रतिनिधि हैं, इस कार्य को आगे बढ़ाने में मिलकर साथ दें। जहां रुकावट है, उसे जनप्रतिनिधि दूर करें। पत्रिका के आह्वान पर लोग स्वयं तो आगे आएंगे ही।