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जयपुर

क्या कार्डधारकों को मिलेगी चीनी? ‘राजस्थान’ के 22 लाख लोग 4 साल से महंगी चीनी खरीदने को मजबूर

खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल अंत्योदय, बीपीएल और अन्नपूर्णा कार्डधारकों को चार साल से चीनी का वितरण नहीं हो रहा है।

जयपुरMay 11, 2025 / 09:32 am

Lokendra Sainger

BPL card holders get sugar

प्रतीकात्मक तस्वीर

National Food Security Plan: खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल अंत्योदय, बीपीएल और अन्नपूर्णा कार्डधारकों को चार साल से चीनी का वितरण नहीं हो रहा है। इन कार्डधारकों को प्रतिमाह 24.50 रुपए प्रतिकिलो रियायती दर पर यह लेवी चीनी मिलती थी। इसके वितरण की व्यवस्था पर चार साल पहले भ्रष्टाचार के छींटे क्या पडे़, विभाग ने जरूरतमंदों की थाली से मिठास ही गायब कर दी। विभाग ने चीनी वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की बजाय कार्डधारकों को इसे देना ही बंद कर दिया। अब जिले में 90 हजार से ज्यादा कार्डधारक बाजार से महंगी चीनी खरीदने पर मजबूर हैं। राशन डीलर्स से कार्डधारक चीनी की मांग करते हैं तो वे भी यही कहते हैं कि जब चीनी आएगी तो वितरण शुरू किया जाएगा।

जांच भी ठंडे बस्ते में

विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वर्ष 2021 में कार्डधारकों को वितरण करने के लिए 70 हजार मीट्रिक टन चीनी खरीद ली गई। वितरण नहीं हुआ तो चीनी गोदामों में रखी खराब हो गई। बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले इस खराब चीनी को विभाग के अफसरों ने नीलाम कर दिया। हालांकि चीनी खरीद में हुए इस गड़बड़ी की जांच भी हुई, लेकिन मामला अब ठंडे बस्ते में है। जानकारों के अनुसार चीनी खरीद कांड को छुपाने के लिए अफसरों ने पोस मशीन में चीनी वितरण की गलत एंट्री करवाई थी।
-22 लाख से ज्यादा बीपीएल, अंत्योदय व अन्नपूर्णा कार्डधारक हैं राज्य में

जयपुर जिले का आंकड़ा

78 हजार बीपीएल

13 हजार अंत्योदय

200 अन्नपूर्णा कार्डधारक

दो साल की एक साथ खरीदी, हुई खराब

मामले में खाद्य विभाग के आला अफसरों ने कहा कि वर्ष 2021 तक इन कार्डधारकों को रियायती दर पर चीनी वितरित होती थी, लेकिन कुछ अफसरों ने चीनी आपूर्तिकर्ता फर्मों से मिलीभगत कर दो साल के लिए जरूरत से ज्यादा एक साथ चीनी खरीद ली। चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई कि जितनी चीनी खरीदी वह डीलर्स तक पहुंची ही नहीं और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों व खाद्य निगम के गोदामों में रखी चीनी खराब हो गई।
सरकार रियायती दरों पर जरूरतमंदों को चीनी उपलब्ध कराने की पारदर्शी व्यवस्था फिर शुरू करें। अगर राशन की दुकानों पर रियायती दरों वाली चीनी मिलेगी तो लाभार्थी और डीलर दोनों को ही आर्थिक संबल मिलेगा।
डिंपल शर्मा, अध्यक्ष, अखिल भारतीय उचित मूल्य दुकानदार संघ

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