जांच भी ठंडे बस्ते में
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वर्ष 2021 में कार्डधारकों को वितरण करने के लिए 70 हजार मीट्रिक टन चीनी खरीद ली गई। वितरण नहीं हुआ तो चीनी गोदामों में रखी खराब हो गई। बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले इस खराब चीनी को विभाग के अफसरों ने नीलाम कर दिया। हालांकि चीनी खरीद में हुए इस गड़बड़ी की जांच भी हुई, लेकिन मामला अब ठंडे बस्ते में है। जानकारों के अनुसार चीनी खरीद कांड को छुपाने के लिए अफसरों ने पोस मशीन में चीनी वितरण की गलत एंट्री करवाई थी। -22 लाख से ज्यादा बीपीएल, अंत्योदय व अन्नपूर्णा कार्डधारक हैं राज्य में
जयपुर जिले का आंकड़ा
78 हजार बीपीएल 13 हजार अंत्योदय 200 अन्नपूर्णा कार्डधारक दो साल की एक साथ खरीदी, हुई खराब
मामले में खाद्य विभाग के आला अफसरों ने कहा कि वर्ष 2021 तक इन कार्डधारकों को रियायती दर पर चीनी वितरित होती थी, लेकिन कुछ अफसरों ने चीनी आपूर्तिकर्ता फर्मों से मिलीभगत कर दो साल के लिए जरूरत से ज्यादा एक साथ चीनी खरीद ली। चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई कि जितनी चीनी खरीदी वह डीलर्स तक पहुंची ही नहीं और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों व खाद्य निगम के गोदामों में रखी चीनी खराब हो गई। सरकार रियायती दरों पर जरूरतमंदों को चीनी उपलब्ध कराने की पारदर्शी व्यवस्था फिर शुरू करें। अगर राशन की दुकानों पर रियायती दरों वाली चीनी मिलेगी तो लाभार्थी और डीलर दोनों को ही आर्थिक संबल मिलेगा।
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डिंपल शर्मा, अध्यक्ष, अखिल भारतीय उचित मूल्य दुकानदार संघ