ऑटो रिक्शा, ट्रैक्टर के नंबर पर कार का रजिस्ट्रेशन
इन नंबरों को फर्जी तरीके से दूसरे वाहन स्वामियों के नाम कर दिए गए। 183 वाहनों के नंबरों का ही रिकॉर्ड मिला। यानी 476 नंबरों का कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला। इसके अलावा 183 वाहनों में से 102 वाहनों की श्रेणी ही अलग मिली। यानी अफसरों, बाबुओं ने गिरोह से मिलकर ट्रक, ट्रैक्टर, बाइक और बसों के पुराने नंबरोें को फर्जी तरीके से हेरफेर कर लग्जरी कारों में ट्रांसफर कर दिया। कई नंबर ऐसे थे, जिनका परिवहन विभाग के वाहन पोर्टल पर कोई रिकॉर्ड नहीं है। यानी मनमाने तरीके से नंबर बना लिए और ट्रांसफर कर दिए।
सलूंबर को बनाया नया गढ़
झुुझुनूं से पुराने वाहनों के नंबरों का फर्जीवाड़ा शुरू होने के बाद यहां से अफसरों ने अपने तबादले दूसरे आरटीओ कार्यालयों में करा लिए। बड़ी संख्या में झुंझुनूं में फर्जीवाड़ा होने के बाद सलूंबर कार्यालय में फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया। इसके बाद बूंदी, सवाईमाधोपुर, दौसा, जयपुर, भरतपुर सहित कई आरटीओ कार्यालयों में गिरोह सक्रिय हुआ। छोटेे जिलों के आरटीओ कार्यालयों को इस फर्जीवाड़े के लिए चिह्नित किया जाता।
10 लाख तक खर्च करते और 35 लाख रुपए तक बेचते
आरटीओ कार्यालयों से पुराने वाहन का फर्जी तरीके से एक नंबर निकलवाने के गिरोह 10 लाख रुपए तक खर्च करता। गिरोह अलग-अलग आरटीओ कार्यालयों से एक साथ बड़ी संख्या में नंबर निकलवाता और नंबरों की डिजिट के हिसाब से 35 लाख तक रुपए सौदा करता।इन परिवहन कार्मिकों के कार्यकाल में फर्जीवाड़ा
मक्खनलाल जागिड़ : 2016 से 2018मनोज कुमार: 2018 से 2019
मक्खनलाल जागिड़: 2019 से 2022
संजीव दलाल: 2022 से 2024
मक्खनलाल जागिड़: 2024 से अभी तक
परिवहन निरीक्षक, बाबू और सूचना सहायक
सुमित कुमार, ओकारमल जागिड़, रोहिताश सिंह, उम्मेद सिंह, सुरेन्द्र गुलिया, गजेन्द्र सिंह, ओमप्रकाश शर्मा, अभिलाषा, अनिल कुमार, अशोक कुमार रोलन, पिंकी।