चार पत्र लिखे, नतीजा शून्य -पांच जून को देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त ने हैरिटेज निगम को पत्र लिखा। इसमें लिखा कि विभाग स्वामित्व की भूमि पर भूमाफिया कब्जा कर रहे हैं और अवैध निर्माण किया जा रहा है। उक्त भूमि को मंदिर के भोगराग के लिए दी गई थी। अवैध निर्माण को तुरंत रुकवाएं। पत्र में लिखा कि मंदिर के पुजारी भी अवैध निर्माण करवा रहे हैं। 11 और 24 जून और एक जुलाई को पत्र लिखा। इसके बाद भी निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की।
-स्थानीय लोगों ने जेडीए में शिकायत की। जेडीए ने निर्माण को अवैध मानते हुए 19 नवम्बर को कार्रवाई की। इसके बाद निगम ने आमेर तहसीलदार को 15 जनवरी को पत्र लिखा। राजस्व टेनेंसी एक्ट की धारा 177 के तहत कार्रवाई करने को कहा।
इनके जवाब जरूरी -देवस्थान विभाग ने जब हैरिटेज निगम को पत्र लिखे तो निगम चुप क्यों बैठा रहा? -एक बार कार्रवाई करने के बाद जेडीए का दस्ता आठ माह बाद फिर क्यों नहीं पहुंचा?
पूर्व में जेडीए ने अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई की है। निर्माण फिर से शुरू होने की जानकारी नहीं है। यदि अवैध निर्माण हो रहे हैं तो कार्रवाई की जाएगी। -घनश्याम राठौड़, प्रवर्तन अधिकारी
तहसील स्तर पर मामला लम्बित नहीं है। राजस्व टेनेंसी एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। न्यायालय दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला करेगा। -सौरभ गुर्जर, तहसीलदार, आमेर