सभी पहलुओं की गहन जांच हो- गहलोत
दरअसल, अशोक गहलोत ने इस हादसे की सच्चाई सामने लाने और हवाई यात्रा में आम लोगों का भरोसा बहाल करने के लिए एक स्वतंत्र जांच आयोग गठित करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इस आयोग में भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी और एविएशन सेक्टर के विशेषज्ञ शामिल किए जाएं, ताकि हादसे के सभी पहलुओं की गहन जांच हो सके। गहलोत ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश की पूरी सच्चाई सामने लाने और हवाई यात्रा पर आमजन का भरोसा जमाने के लिए भारत सरकार को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग गठित करना चाहिए।
उन्होंने एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट पर सवाल उठाए, जिसमें हादसे का कारण फ्यूल स्विच को कुछ पलों के लिए कटऑफ करना बताया गया। गहलोत ने कहा कि यह आसान है कि मृत पायलटों पर आरोप लगाए जाएं, क्योंकि वे अब अपना पक्ष नहीं रख सकते।
पायलट फ्यूल स्विच क्यों बंद करेंगे?
उन्होंने कहा कि कई विशेषज्ञों का मानना है कि इतने अनुभवी और स्वस्थ पायलट जानबूझकर फ्यूल स्विच बंद क्यों करेंगे? मैं खुद सिविल एविएशन मंत्री रह चुका हूं और मेरे मन में भी इस रिपोर्ट को लेकर शंकाएं हैं। गहलोत ने कहा कि हादसे को एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, मीडिया, सोशल मीडिया और वैश्विक एविएशन जगत में इसकी चर्चा जारी है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में आशंकाएं बढ़ रही हैं। सभी देशवासी यह जानना चाहते हैं कि 260 लोगों की जान किस कारण गई।
AAIB की रिपोर्ट में ये दावा
बता दें, AAIB की रिपोर्ट के अनुसार हादसे का कारण फ्यूल स्विच का कटऑफ होना था। इसमें पायलटों के बीच हुई आखिरी बातचीत का जिक्र है, जिसमें को-पायलट क्लाइव कुंदर ने कैप्टन सुमीत सभरवाल से पूछा कि आपने फ्यूल स्विच को कटऑफ क्यों किया? जबकि कैप्टन ने इससे इनकार किया। अमेरिकी जांचकर्ताओं ने दावा किया कि कैप्टन सभरवाल ने जानबूझकर फ्यूल स्विच बंद किया। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए बताया गया कि को-पायलट हैरान और घबराए हुए थे, जबकि कैप्टन शांत दिखे। रिपोर्ट के अनुसार, कैप्टन सभरवाल के पास 15,638 घंटे और को-पायलट कुंदर के पास 3,403 घंटे का उड़ान अनुभव था।