बांग्लादेश व म्यांमार से मंगवाई
सूत्रों की माने तो दोनों एके-47 गैंगस्टर्स लॉरेंस बिश्नोई व रोहित गोदारा ने जीतू जोड़ी तक भिजवाई थी। दोनों एके-47 बांग्लादेश व म्यांमार से तस्करी कर मंगवाई जाने की आशंका जताई गई है। इस संबंध में भी एजीटीएफ टीम आरोपियों से पूछताछ कर रही है। सूत्रों की माने तो जीतू जोड़ी को सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या किए जाने की पहले से जानकारी थी, लेकिन वह हत्याकांड में शामिल नहीं था। इस मामले में एजीटीएफ ने डकैत रामदत्त ठाकुर के भाई जीतू चम्बल उसके पिता तेजपाल ठाकुर, जयपुर निवासी शिवराज सिंह व चूरू निवासी जीतू जोड़ी को गिरफ्तार किया है।
शूटर्स के लिए बनाई निजी फायरिंग रेंज
धौलपुर में पुलिस पर फायरिंग कर भाग जाने पर डकैत रामदत्त को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोपी रामदत्त ने धौलपुर में कई राज्यों के शूटर्स को प्रशिक्षण देने के लिए बीहड़ में निजी फायरिंग रेंज बना रखी थी। आरोपी धौलपुर पुलिस की रिमांड पर चल रहे हैं। चूरू से एके-47 बरामद करने के बाद हथियार व आरोपी को धौलपुर वापस ले गए।
गैंगस्टर्स कोड वर्ड में एके-47 को रानी बोलते
एजीटीएफ के एडीजी दिनेश एम.एन. ने बताया कि गैंगस्टर्स एके-47 को रानी नाम का कोड वर्ड दिया था। एक स्थान से दूसरे स्थान एके-47 भेजने पर रानी आ गई या फिर रानी को लाना है। रानी नाम से ही संबोधित कर बात करते, ताकि किसी को शक न हो। इसलिए एके-47 बरामद करने के लिए “ऑपरेशन क्वीन” चलाया। एजीटीएफ की गिरफ्त में चल रहे हिस्ट्रीशीटर जीतू जोड़ी ने पूछताछ में बताया कि एक और एके-47 उसने चूरू में अपने खेत में छिपाकर रख रखी है। इस पर मंगलवार रात को उसकी निशानदेही पर एक एके-47 व 2 मैगजीन बरामद की।
तीन बड़े हथियार बरामद कर चुकी
एडीजी दिनेश एम.एन. ने बताया कि एएसपी सिद्धांत शर्मा के नेतृत्व में एजीटीएफ टीम ने एक माह में लगातार तीसरी बार बड़ी कार्रवाई की है। दोनों एके-47 बरामद करने से पहले बहरोड़ थाने में फायरिंग करने के मामले में एक लाख के ईनामी राजवीर को गिरफ्तार कर एके-56 बरामद की गई थी।