आरएसआरडीसी प्रोजेक्ट ऑफिसर दिनेश कुमार साहू के अनुसारसड़क की चौड़ाई दोनों ओर 8-8 मीटर और बीच में डेढ़ मीटर डिवाइडर सहित कुल 19 मीटर की होगी। करीब 178 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली 38 किलोमीटर लंबी फोर लेन सडक़ अगले दो वर्षों में बनकर तैयार होगी। परियोजना के अंतर्गत गांवों के स्टैण्ड पर सीसी रोड, इंटरलॉक टाइलें और जलभराव रोकने के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे।
प्रशासन द्वारा दुकानदारों को पहले ही अवैध अतिक्रमण हटाने की सूचना दी जा चुकी थी, जबकि स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर नोटिस नहीं देने और निर्धारित सीमा से अधिक निर्माण तोड़ने के आरोप लगाए हैं। तहसीलदार रामधन गुर्जर ने बताया कि सिवायचक भूमि पर बनी अवैध दुकानों को चिन्हित कर कार्रवाई की गई है। इधर कुछ दुकानदारों ने प्रशासन की कार्रवाई को जीवन यापन और रोजी रोटी पर संकट बताते हुए नाराजगी जताई है। दुकानदार लक्ष्मीचंद मीणा ने बताया कि उनकी दुकान का पट्टा वर्ष 1991 में पंचायत से मिला था लेकिन बिना नोटिस उनकी दुकान तोड़ दी गई।
गौरतलब है कि इस मार्ग पर बढ़ते यातायात और आए दिन लगने वाले जाम को देखते हुए ग्रामीण लंबे समय से फोर लेन सडक़ की मांग कर रहे थे। पहले भी 2021 में इस मार्ग के सुदृढ़ीकरण का कार्य हुआ था, लेकिन भारी वाहनों की आवाजाही के कारण सडक़ जल्द ही जर्जर हो गई थी। अब नए निर्माण से लोगों को राहत की उम्मीद है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि फोरलेन सडक़ की मांग को लेकर वे कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं।