CG Naxal Encounter: डेढ़ करोड़ का इनामी एमसीसी चीफ बसव राजू ढेर, 26 अन्य नक्सली भी मारे गए,एक जवान शहीद और एक घायल
CG Naxal Encounter: नक्सली सेनापति के मारे जाने से संगठन की कमर ही टूट गई है पुलिस इसे नक्सलियों के लिए बड़ा झटका मान रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सली खात्मे के लिए 26 मार्च 2026 का जो टारगेट सेट किया हैँ।
CG Naxal Encounter: बस्तर के अबूझमाड़ के जंगलों में बुधवार को नक्सलियों का चीफ नंबाला केशव उर्फ बसव राजू मारा गया। उस पर डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम था। वह नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का जनरल सेक्रेटरी था। यह नक्सल संगठन में सबसे बड़ा पद है। नक्सली सेनापति के मारे जाने से संगठन की कमर ही टूट गई है पुलिस इसे नक्सलियों के लिए बड़ा झटका मान रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सली खात्मे के लिए 26 मार्च 2026 का जो टारगेट सेट किया हैँ। इस मुठभेड़ से लक्ष्य भेदने में सहायता मिलेगी। नक्सल इतिहास में पहली बार संगठन के इतने बड़े पद पर बैठा कोई शख्स मारा गया है।
यह भी पढ़ें: लाल आंतक के खिलाफ एक और बड़ा नक्सल ऑपरेशन सफल, 14 महीने में 400 से ज्यादा नक्सली ढेर! ये है तारीखअब संगठन का बिखरना तय बसव राजू के मारे जाने के बाद नक्सल संगठन का बिखरना अब तय है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में संगठन की बैकबोन की तरह काम कर रहा था। हालांकि अभी भी नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के 12 बड़े नक्सल लीडर बचे हुए हैं लेकिन बसव राजू के मारे जाने के बाद संगठन का कमजोर पड़ना तय है। वह सैन्य मामलों का एक्सपर्ट था। उसके नेतृत्व में कई बड़े हमले नक्सलियों ने किए थे। तीन दशक तक वह बस्तर और आंध्रप्रदेश में आतंक का पर्याय रहा।
बसव राजू 2018 से नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का जनरल सेक्रेटरी था। तेलंगाना के सूत्रों के अनुसार नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वह प्रतिबंधित संगठन के उत्तरी और दक्षिणी कमांड के बीच की कड़ी था। ऐसा माना जाता है कि बसव राजू एक दिन पश्चिम बंगाल में तो अगले दिन श्रीकाकुलम में होता था। अब नक्सल दल में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो बसव राजू की तरह कैडर को एकजुट कर सके। उसके बिना नक्सलियों का फिर से संगठित होना असंभव बताया जा रहा है।
50 नक्सलियों में से 27 मारे गए बसव राजू के साथ 27 और नक्सली इस मुठभेड़ में मारे गए हैं। सभी के शव बरामद हो चुके हैं और उन्हें जिला मुख्यालय लाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि फोर्स ने सटीक सूचना के आधार पर दो दिन पहले ऑपरेशन लांच किया था। दो दिन तक अबूझमाड़ के जंगल में जवान सर्चिंग करते रहे। बुधवार सुबह अबूझमाड़ के बोटेर में टॉप नक्सल लीडर समेत नक्सलियों की मौजूदगी के इनपुट के आधार पर फोर्स बोटेर की तरफ बढ़ी।
फोर्स को आगे बढ़ता देख नक्सलियों ने जंगल की आड़ लेकर फायरिंग शुरू कर दी। फोर्स ने भी जवाबी फायरिंग की। करीब तीन घंटे तक दोनों तरफ से फायरिंग होती। बताया जा रहा है कि करीब 50 नक्सलियों का जमावड़ा था। 27 नक्सलियों को ढेर करने में फोर्स को सफलता मिली है। इस मुठभेड़ में डीआरजी का एक जवान भी शहीद हुआ है। साथ ही एक जवान घायल भी है।
चार जिलों के जवानों ने ऑपरेशन को अंजाम दिया नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के माड़ डिवीजन में नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर डीआरजी नारायणपुर, डीआरजी दंतेवाड़ा, डीआरजी बीजापुर और डीआरजी कोंडागांव के संयुक्त दल को ऑपरेशन पर रवाना किया गया था। पिन प्वाइंट सूचना के आधार पर ऑपरेशन लॉन्च हुआ और बसवा राजू जैसे बड़े लीडर को ढेर करने में सफलता मिली।
एक बसव राजू को 13 नाम से जाना जाता था बसव राजू को नक्सलियों की सैन्य इकाई का आधार माना जाता है। वह नक्सल संगठन के लिए इतना अहम था कि उसके 13 उपनाम थे। वह हर अलग इलाके में अलग नाम से जाना जाता था। नंबल्ला केशव राव, कृष्णा, विनय, गंगन्ना, प्रकाश, विजय, केशव, बीआर, उमेश, राजू, दारापु नरसिम्हा रेड्डी और नरसिम्हा के नाम से भी जाना जाता था।
इंजीनियर से कैसे बना टॉप नक्सल लीडर बसव राजू का जन्म 60 के दशक में आंधप्रदेश के जियान्नापेट, कोटाबोम्माली, श्रीकाकुलम में हुआ था। वह एक सामान्य तेलुगु परिवार में जन्मा था। घर में अभाव के चलते उसके मन में कुछ बड़ा करने की चाह थी। इसी वजह से उसने वारंगल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और वहां से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। बताया जाता है कि पढ़ाई के दौरान ही वह कुछ ऐसे लोगों के संपर्क में आ चुका था जो उसे नक्सल आंदोलन के लिए प्रेरित कर रहे थे। उसने 1980 में नक्सल संगठन ज्वाइन किया।
इसके बाद वह आंध्र और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग पदों पर रहा। 2004 में वह नक्सलियों की मिलिट्री कमेटी का हेड बना। 2018 तक वह इस पद पर रहा। 2018 में जब सेंट्रल कमेटी जनरल सेक्रेटरी मुपल्ला लक्षमण राव उर्फ गणपति ने संन्यास की घोषणा की तो बसवा राजू को संगठन ने इस पर नियुक्त किया। नक्सल संगठन में यह सबसे बड़ा पद होता है।
एनआईए के दो मामलों में मोस्ट वांटेड था बस्तर में इस वक्त एनआईए नक्सल हमलों की जांच कर रही है। उनमें से दो मामलों में वह एनआईए का मोस्ट वांटेड था। उसके खिलाफ एनआईए ने 2012 और 2019 में दो एफआईआर दर्ज की थी। 2019 की घटना में पांच जवानों को आईडी ब्लास्ट के जरिए मारने का आरोप था।
वर्ष नक्सली मारे गए 2020 44 2021 48 2022 31 2023 57 2024 247 2025 146 अभी तक आधिकारिक सोर्स द्वारा जारी की गई संख्या 2025 की नक्सली घटनाएं
21 मई – नारायणपुर में 27 नक्सली ढेर, 1 करोड़ का इनामी बसवा राजू भी मारा गया। 14 मई – कुर्रेगुट्टा पहाड़ पर चला देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 31 नक्सली ढेर। 10 फरवरी – बीजापुर 31 नक्सली ढेर, इनमें 11 महिलाएं और 20 पुरुष शामिल।
2 फरवरी- बीजापुर के गंगालूर में मुठभेड़, 8 नक्सली ढेर। 20-21 जनवरी- गरियाबंद जिले में मुठभेड़, 16 नक्सलियों के शव बरामद। 16 जनवरी- छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर, कांकेर पुजारी गांव में 18 नक्सली ढेर।
12 जनवरी- बीजापुर के मद्देड़ इलाके में मुठभेड़, 2 महिला नक्सली समेत 5 नक्सली ढेर। 9 जनवरी- सुकमा-बीजापुर बॉर्डर में 3 नक्सली ढेर। 6 जनवरी – आईडी ब्लास्ट की चपेट में जवानों की गाड़ी आई, 8 जवान शहीद, एक ड्राइवर की भी मौत।
4 जनवरी- अबूझमाड़ के जंगल में मुठभेड़, एक महिला नक्सली समेत 5 नक्सली ढेर, एक डीआरजी जवान शहीद।
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