scriptबस्तर में रेल का खेल! लैंडस्लाइड के 18 दिन बाद भी यात्री ट्रेनें ठप, दौड़ रहीं मालगाड़ियां… | Jagdalpur News: Rail services still suspended even 18 days after landslide in Bastar | Patrika News
जगदलपुर

बस्तर में रेल का खेल! लैंडस्लाइड के 18 दिन बाद भी यात्री ट्रेनें ठप, दौड़ रहीं मालगाड़ियां…

Jagdalpur News: यह रेलमार्ग बस्तर के लौह अयस्क को देश के अन्य हिस्सों तक ले जाने का प्रमुख साधन है, और यही वजह है कि रेलवे की प्राथमिकता मालगाड़ी चलाने की है।

जगदलपुरJul 20, 2025 / 11:51 am

Laxmi Vishwakarma

लैंडस्लाइड के 18 दिन बाद भी रेल सेवाएं बंद (Photo source- Patrika)

लैंडस्लाइड के 18 दिन बाद भी रेल सेवाएं बंद (Photo source- Patrika)

Jagdalpur News: बस्तर संभाग में केके रेलमार्ग पर लैंडस्लाइड के 18 दिन बीत जाने के बावजूद यात्री रेल सेवाएं शुरू नहीं हो पाई हैं। इस रेलमार्ग को बस्तर के लोगों की मेडिकल लाइफलाइन माना जाता है, जो क्षेत्रवासियों को चिकित्सा और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए जोड़ता है।

Jagdalpur News: दोहरे रवैये से स्थानीय लोग नाराज

इसके बावजूद, रेलवे ने यात्री ट्रेनों का संचालन बहाल करने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई, जबकि लैंडस्लाइड के मात्र 48 घंटे बाद रेलवे ने ट्रैक से मलबा हटा लिया था और उसके बाद से ही मालगाड़ियां का परिवहन शुरू हो गया था। इस दोहरे रवैये से स्थानीय लोग नाराज हैं और रेलवे के प्रति सवाल उठा रहे हैं। रेलवे के नए निर्देश के मुताबिक बस्तर में 24 जुलाई तक रेल सेवाएं ठप रहेंगी। वहीं यहां तक आने वाली सभी ट्रेनें कोरापुट से लौट जा रहीं हैं।

हर दिन 14 मालगाडिय़ां इस रूट पर दौड़ रही

बस्तरवासी इस बात से आक्रोशित है कि लैंडस्लाइड के 48 घंटे बाद से ही इस रूट पर मालगाड़ियां का संचालन शुरू हो गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार, प्रतिदिन करीब 14 मालगाड़ियां इस मार्ग से लौह अयस्क का परिवहन कर रही हैं। यह रेलमार्ग बस्तर के लौह अयस्क को देश के अन्य हिस्सों तक ले जाने का प्रमुख साधन है, और यही वजह है कि रेलवे की प्राथमिकता मालगाड़ी चलाने की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब मालगाडिय़ां सुरक्षित रूप से चल रही हैं, तो यात्री ट्रेनों को शुरू करने में देरी क्यों हो रही है?

Jagdalpur News: यह कहते हैं शहरवासी

गौरव अयंगर, युवा: रेलवे का यह रवैया समझ से परे है। मालगाडिय़ां तो 48 घंटे बाद शुरू हो गईं, लेकिन 18 दिन बाद भी यात्री ट्रेनें बंद हैं। यह रेलमार्ग हमारी मेडिकल लाइफलाइन है। सडक़ मार्ग से यात्रा महंगी और समय लेने वाली है। रेलवे को जल्द समाधान करना चाहिए। नहीं तो बस्तर में रेल सेवा पुरी तरह से बंद कर देना चाहिए।
मोहसीन रजा, युवा: हमारे लिए यह रेलमार्ग बहुत जरूरी है। मेरे चाचा को इलाज के लिए विशाखापटनम जाना पड़ता है, लेकिन ट्रेन बंद होने से काफी दिक्कत हो रही है। नई रेल सेवा तो शुरू नहीं हो रही है जो है उसे नियमित चलाएं तो अच्छा है। मालगाडिय़ां चल रही हैं, तो यात्री ट्रेनें क्यों नहीं?
गौरव मुंदड़ा, व्यापारी: रेलवे का यह दोहरा मापदंड ठीक नहीं है। मालगाड़ियां धड़ल्ले से चल रही हैं। 18 दिन बहुत होते हैं। यात्री ट्रेनें शुरू करने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए। रेलवे यात्री सेवा देने गंभीर है तो इतने दिन तक लाइन क्लियर कराने में नहीं लगते। जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा।
जमशेद अंसारी, समाजसेवी: ऐसा नहीं है कि बस्तर में रेल सुविधाओं को लेकर सरकार घोषणा नहीं करती है। सर्वे का काम दिया गया है। लेकिन यह सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं। दशक बीतने को आए हैं लेकिन इस सर्वे का काम कहां तक पहुंचा किसी को नहीं पता ऐसे में बस्तरवासी अपने आप का ठगा व छला हुआ महसूस करते हैं।
शेख आदिल, व्यवसायी: बस्तर में आज जो रेलवे लाइन बिछी हुई है वह इसलिए कि यहां से लोहा का परिवहन रेलवे को करना हैं। इस परिवहन के नाम पर ही रेलवे प्रतिदिन करोड़ों की कमाई करती है। आज भी सिंगल ट्रेक हैं। वह भी सिर्फ लोहे के परिवहन के लिए ही है। इसके लिए नेताओं को आगे आना होगा।
चाहत त्रिपाठी, युवा: बस्तर रेल सुविधा की मांग करके कोई केंद्र सरकार से भीख नहीं मांग रहा है। बल्कि यह उसका अधिकार है। करोड़ों की कमाई करने के बाद भी सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। बस्तर में स्वास्थ्य से लेकर अन्य सुविधाओं की कमी हैं। इसके लिए विशाखापटनम जाने ट्रेन नहीं होने से दिक्कत आती है।

Hindi News / Jagdalpur / बस्तर में रेल का खेल! लैंडस्लाइड के 18 दिन बाद भी यात्री ट्रेनें ठप, दौड़ रहीं मालगाड़ियां…

ट्रेंडिंग वीडियो