HSRP Number Plate: वाहन सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं वाहनधारी
परिवहन विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक जिले में करीब 1.50 लाख पंजीकृत वाहन हैं, जिनमें से मात्र 10 हजार वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगे हैं। जबकि 1.40 लाख वाहनों में अब तक एचएसआरपी नहीं लगवाई गई है। इसमें बड़ी संख्या दोपहिया और निजी चारपहिया वाहनों की है।
15 अगस्त के बाद विशेष अभियान
डीसी बंजारे, जिला परिवहन अधिकारी बस्तर: हमने जुलाई तक लोगों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने का मौका दिया, लेकिन अब प्रशासन 15 अगस्त के बाद विशेष अभियान चलाकर बिना एचएसआरपी वाले वाहनों पर चालानी कार्रवाई करेगी। जागरूकता के बावजूद नहीं लगा रहे नंबर
सड़क परिवहन व राजमार्ग
मंत्रालय द्वारा इसके लिए सर्वप्रथम 6 दिसंबर 2018 को अधिसूचना जारी किया गया था। वाहन चालकों को 2022 से निर्देश दिया जा रहा है और इस वर्ष नबंर बदलने का अंतिम समय 30 अप्रैल तक दिया गया था। जानकारी के मुताबिक पिछले छह महीनों से वर्ष 2019 के पहले वाले सभी छोटे बड़े वाहनों में हाई सिक्योरिटी वाले नंबर प्लेट लगाये जाने की प्रक्रिया अनिवार्य कर दी गई है।
क्यों है जरूरी है हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट
जिला परिवहन अधिकारी बंजारे ने बताया कि हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी है। यह नंबर प्लेट सरकारी मानकों के अनुसार होती है, जिसे वाहन चोर आसानी से बदल नहीं सकते। क्यू कोड और यूनिक नंबरिंग की वजह से वाहन की पहचान और ट्रेसिंग आसान होती है। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने इसे अनिवार्य किया है। HSRP Number Plate: हाई सिक्योरिटी वाले नंबरों के लिये वाहन धारकों को पोर्टल जारी किया है। आवेदक Cgtransport.gov.in पर जाकर लॉगिन कर निर्धारित शुल्क राशि ऑनलाइन जमा कर नया नंबर प्राप्त कर सकते हैं। सरकार द्वारा दो पहिया वाहनों के लिए 365 रुपए, तीन पहिया के लिए 427 रुपए, कार अथवा हल्के वाहनों के लिए 656 रुपए तथा अन्य के लिए 706 रुपए निर्धारित की गई है। नंबर प्लेट की घर पहुंच सेवा के लिए अतिरिक्त चार्ज देय करना निर्धारित की गई है।
राज्य परिवहन विभाग द्वारा नंबर प्लेट हेतु जिला बस्तर के लिए Rosmetra Safety system Ltd को अधिकृत किया गया है। हाई सिक्योरिटी नबर प्लेट लगवाने सरकार द्वारा लगातार लोगों को रियायत दी जा रही है। चालकों के सहूलियत के लिए जगह जगह इसके लिए शिविर भी लगाए जा रहे हैँ। इसके लिए जागरूकता अभियान के साथ साथ प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है। इसके बावजूद लोग इस नबर को लगवाने में कोई रूचि नहीं दिखा रहे हैँ।