scriptतिरंगे के रंग में रंगेगा बस्तर… इन 29 गांवों में पहली बार होगा ध्वजारोहण, दशकों तक नक्सली करते रहे राष्ट्रीय पर्व का विरोध | Flag hoisting will take place for first time after independence in 29 Naxal-affected villages of Bastar | Patrika News
जगदलपुर

तिरंगे के रंग में रंगेगा बस्तर… इन 29 गांवों में पहली बार होगा ध्वजारोहण, दशकों तक नक्सली करते रहे राष्ट्रीय पर्व का विरोध

Independence Day 2025: बस्तर के धुर नक्सल प्रभावित 29 गांवों में आजादी के बाद पहली बार 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाएगा। इन सभी इलाकों में पुलिस कैंप स्थापित किए गए है इन कैंपों में ही ध्वजारोहण किया जाएगा।

जगदलपुरAug 13, 2025 / 09:11 am

Khyati Parihar

नक्सल गढ़ में तिरंगे की गूंज (फोटो सोर्स- पत्रिका)

नक्सल गढ़ में तिरंगे की गूंज (फोटो सोर्स- पत्रिका)

Independence Day 2025: बस्तर के धुर नक्सल प्रभावित 29 गांवों में आजादी के बाद पहली बार 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाएगा। इन सभी इलाकों में पुलिस कैंप स्थापित किए गए है इन कैंपों में ही ध्वजारोहण किया जाएगा। इसके लिए पुलिस और प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की है। बता दें कि बस्तर संभाग के अंदरूनी इलाकों में लोग दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहे है। इन इलाकों में प्रशासन की पहुंच न होने के कारण लोग नक्सलियों के तुगलकी फरमान मानने विवश थे।
नक्सली देश की आजादी को झूठी आजादी बता कर इसका विरोध करते हैं। यही कारण नक्सल दहशत के चलते प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय पर्व पर न तो ध्वजारोहण होता है न ही सरकारी आयोजन होते है बल्कि कई स्थानों पर नक्सली विरोध स्वरूप काला झंडा भी फहराते थे। वर्ष 2024 के बाद अब प्रभावित इलाकों की तस्वीर बदल चुकी है। सुरक्षा बलों और प्रशासन की लगातार कोशिशों, विकास कार्यों, और बदलते माहौल ने इन गांवों में विश्वास का माहौल पैदा किया है। ग्रामीण न केवल ध्वजारोहण की तैयारी में जुटे हैं, बल्कि उत्साह के साथ इन आयोजनों में भाग लेने की योजना बना रहे हैं।

Independence Day 2025: इन गांवों में ध्वजारोहण

नारायणपुर जिले में होरादी, गारपा, कच्चपाल, कोड़लियार, कुतुल, बड़ेमाकोटी,पद्मकोट, कांदुलनार , नेलांगुर, पांगुर , रायनार में ध्वजारोहण होगा। सुकमा जिला के रायगुडेम तूमालपाड़, गोलाकुंडा, गोंमगुडा, मेट्टागुडा, उसकावाया, मुलकातोंग में तिरंगा लहराएगा। बीजापुर जिले के गांव कोंडापल्ली, जीडापल्ली, वातेबागू, कर्रेगुट्टा, पीडिया, गूंजेपर्ती, पुजारी कांकेर,भीमारम, कोरचोली,कोटपल्ली में ध्वजारोहण की तैयारी जोरों पर है।

सुरक्षा बलों की बड़ी भूमिका

बीते कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों के लगातार अभियान, नक्सलियों के सफाए और आत्मसमर्पण, सड़क व संचार सुविधाओं के विस्तार ने गांवों के माहौल को पूरी तरह बदल दिया है। पुलिस और प्रशासन ने इन 29 गांवों में ध्वजारोहण कार्यक्रम को लेकर बड़ी तैयारियां की हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेलकूद की भी योजना बना बनाई गई है।

सबसे ज्यादा नारायणपुर के गांव

पहली बार ध्वजारोहण वाले 29 गांवों में सबसे अधिक 12 गांव नारायणपुर जिले में हैं, जहां पहले नक्सली दबदबे के चलते सरकारी उपस्थिति नाम मात्र की रहती थी। वहीं बीजापुर के 10 और सुकमा के जिले 7 गांव भी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनेंगे। लंबे समय से यहां नक्सलियों का दहशत कायम था, जिसके कारण यहां स्वतंत्रता दिवस पर कभी तिरंगा नहीं लहराया गया।

नक्सल विरोध से राष्ट्रीय गौरव तक का सफर

लंबे समय तक नक्सलियों का प्रभाव इतना मजबूत था कि वे ग्रामीणों को राष्ट्रीय पर्व में शामिल होने से रोकते थे। कई बार जिन्होंने तिरंगा फहराने की कोशिश की, उन्हें धमकाया गया,कुछ की पिटाई तक की गई। ग्रामीणों का कहना है कि यह दिन उनके लिए केवल राष्ट्रीय पर्व ही नहीं, बल्कि डर और (Independence Day 2025) बंदिशों से आजादी का भी प्रतीक होगा। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि अपने ही गांव में वे खुलेआम तिरंगा फहरते देख पाएंगे।

पुलिस प्रशासन ने की व्यापक तैयारी

बस्तर में नक्सलवाद अब दम तोड़ रहा है। वजह साफ है कि ग्रामीणों ने उनका साथ छोड़ दिया है 31 मार्च 2026 तक बस्तर नक्सल मुक्त हो जाएगा 7पिछले कुछ वर्षों से हमारे जवान नक्सल प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय पर्व में ध्वजारोहण करते रहे हैं। इस वर्ष उन 29 गांवों में पहली बार ध्वजारोहण किया जाएगा, जहां हाल ही में सुरक्षा बलों के कैंप स्थापित किए गए हैं। – सुंदरराज पी., आईजी बस्तर

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