ऐसे में सवाल उठता है कि जब सरकारी वेबसाइट खुद अपडेट नहीं हो रही, तो आम जनता डिजिटल
बस्तर पर कैसे विश्वास करे? यह स्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि डिजिटल गवर्नेंस के दावों पर भी सवाल खड़े करती है।
CG News: ऑनलाइन सेवाएं
अपडेट न होने से आम जनता में अविश्वास बस्तर जिले को डिजिटल बस्तर बनाने की पहल चल रही है, जिसमें ई-गवर्नेंस, ऑनलाइन सेवाएं और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन जब आधिकारिक वेबसाइट खुद महीनों से अपडेट नहीं हुई, तो आम लोग कैसे विश्वास करें? स्थानीय निवासी राकेश कुमार कहते हैं कि वेबसाइट पर पुराने अधिकारी दिखते हैं, तो शिकायत दर्ज कराने या संपर्क करने में दिक्कत होती है। डिजिटल इंडिया का नारा अच्छा है, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है। आधा-अधूरा अपडेट ऐसा नहीं है कि पिछले दो सालों से साइट में कोई अपडेट नहीं हुआ। निगम इससे पहले काबिज आयुक्त निर्भय साहू का इस साइट में बकायदा जगह दी गई है। जबकि आयुक्त निर्भय साहू को मार्च 2025 में भारत माला प्रोजेक्ट में अनियमितताओं के आरोप में निलंबित कर दिया गया।
वहीं कविता साहू को 2023 तक अध्यक्ष के रूप में दिखाया गया है, लेकिन चुनावी परिवर्तन के बाद पदों में बदलाव हो चुका है। राज्य सरकार ने इस मामले में सत कार्रवाई की, लेकिन वेबसाइट पर उनका नाम अभी भी अपडेट नहीं हुआ है। इतना ही नहीं यहां तक कि मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) के सदस्यों, पार्षदों और उनके संपर्क नंबरों तक की सूची पुरानी है।
पूर्व महापौर सफीरा साहू ने भाजपा ज्वाइन कर ली
जगदलपुर नगर पालिक निगम की वेबसाइट (नगर निगम जगदलपुर) पर महापौर के रूप में सफीरा साहू, अध्यक्ष के रूप में कविता साहू और आयुक्त के रूप में निर्भय साहू के नाम अभी भी सूचीबद्ध हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि सफीरा साहू कांग्रेस से महापौर चुनी गई थीं और 2020 में पद संभाला था, लेकिन मार्च 2024 में उन्होंने कई अन्य नेताओं के साथ भाजपा ज्वाइन कर ली। इसके बाद उन्होंने अपनी नई एमआईसी तैयार की थी। वहीं फरवरी 2025 में हुए नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की। जिसमें जगदलपुर में संजय पांडे नए महापौर चुने गए। वहीं अभी अध्यक्ष खेमसिंह देवांगन हैं। चुनाव के डेढ़ साल पहले ही हुए तता पलट में निगम की सत्ता कांग्रेस से भाजपा को मिली थी
CG News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान को देशभर में बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन बस्तर जिले में स्थिति इसके ठीक उलट नजर आ रही है।
जगदलपुर नगर पालिक निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर आज भी महापौर सफीरा साहू, अध्यक्ष कविता साहू और आयुक्त निर्भय साहू नाम दर्ज हैं, जो सालों पहले ही पद से हट चुके हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब सरकारी वेबसाइट खुद अपडेट नहीं हो रही, तो आम जनता डिजिटल बस्तर पर कैसे विश्वास करे? यह स्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि डिजिटल गवर्नेंस के दावों पर भी सवाल खड़े करती है।