CG News: मिट्टी, गोबर और कागज के गूदे का उपयोग
कुम्हारपारा, पथरागुड़ा, धरमपुरा सहित अन्य स्थानों पर मूर्तिकार गणेश जी की प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं। इस वर्ष भी कई मूर्तिकार इको-फ्रेंडली प्रतिमाएं तैयार कर रहे हैं, जिनमें शुद्ध मिट्टी और प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जा रहा है। प्लास्टर ऑफ पेरिस के बजाय मिट्टी, गोबर और कागज के गूदे से तैयार की जा रही प्रतिमाएं न केवल सुंदर हैं बल्कि जल में विसर्जन के समय पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचातीं। मूर्तिकार राजू निषाद ने बताया कि, हम पिछले तीन दशकों से गणेश प्रतिमाएं बना रहे हैं। अब लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं, इसलिए हमने विशेष रूप से
इको-फ्रेंडली मूर्तियों पर जोर दिया है। उन्होंने बताया कि कई आयोजक पहले से ही बुकिंग करवा रहे हैं, ताकि समय पर मूर्तियां मिल सकें। इस बार 1 फुट से लेकर 10 फीट तक की मूर्तियों की मांग आ रही है। कुछ कलाकार स्थानीय शैली में आदिवासी संस्कृति से प्रेरित गणेश प्रतिमाएं भी बना रहे हैं। कुम्हारपारा, पथरागुड़ा, धरमपुरा सहित अन्य स्थानों पर मूर्तिकार गणेश जी की प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं।
ग्राहकों तक सीधा संपर्क
CG News: गणेश प्रतिमा निर्माण कार्य से अंचल के दर्जनों परिवारों को रोजगार का अवसर भी मिल रहा है। मूर्तियों की सजावट, रंगाई-पुताई, ट्रांसपोर्टेशन आदि कार्यों में स्थानीय युवक-युवतियां भी सक्रिय रूप से जुड़ते हैं। यह मौसमी रोजगार कलाकारों के लिए आजीविका का महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है। मूर्तिकारों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि उन्हें निर्माण कार्य के लिए मिट्टी और सामग्री की उपलब्धता में सहायता दी जाए, साथ ही स्थानीय बाजारों में बिक्री के लिए उचित स्थान उपलब्ध कराया जाए, जिससे ग्राहकों तक सीधा संपर्क हो सके।