पूछताछ के दौरान उनसे कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। नक्सली अपने विचारधारा को फैलाने के लिए छात्र संगठनों को टारगेट कर रहे है इसके लिए दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में स्टूडेंट रेडिकल्स यूनियन का गठन किया जा रहा है इसके लिए हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी तथा वारंगल से कुछ छात्र नेताओं को भी यहां भेजे जाने की जानकारी मिली है। विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और सांस्कृतिक संगठनों में सक्रिय ऐसे युवाओं को मोटिवेट कर जनसंगठनों के साथ जोड़ा जा रहा है।
इनके माध्यम से नक्सली विचारधारा को वैचारिक आंदोलन के रूप में पेश किया जा रहा है, जिससे नए समर्थकों की भर्ती आसान हो सके। इस संबंध में एनआईए ने आधा दर्जन से अधिक संगठनों की गतिविधियों पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है।
आंध्रप्रदेश और तेलंगाना बने सुरक्षित पनाहगाह
बदली हुई परिस्थितियों में दक्षिण भारत के आंध्रप्रदेश और तेलंगाना नक्सलियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में उभर रहे हैं। एक रणनीति के तहत नक्सलियों ने इन राज्यों में हिंसक गतिविधियां रोक दी हैं। नक्सलियों के अधिकांश शीर्ष नेता यही के हैं। इन दिनों
छत्तीसगढ़ में जब फोर्स नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक प्रहार कर रही है, ऐसी विपरीत परिस्थितियों में यहां नक्सलियों के खिलाफ सरकार और लोगों में सहानुभूति दिखाई दी है। यहां शहरों के आसपास और अंदरूनी ग्रामीण इलाकों में नक्सली समर्थकों के शेल्टर और लॉजिस्टिक सपोर्ट पॉइंट के रूप में विकसित हो रहे हैं। एजेंसियों के शक है कि यही नेटवर्क नक्सलियों के लिए हथियार, वित्त और मानव संसाधन जुटाने में मददगार साबित हो रहा है।
हरियाणा में ऐसे उजागर हुआ नेटवर्क
हाल ही में हरियाणा के रोहतक में कुछ संदिग्ध युवकों की गिरफ्तारी ने इस अर्बन नेटवर्क की गहराई उजागर कर दी है। पूछताछ में सामने आया है कि ये युवक सोशल मीडिया और सांस्कृतिक आयोजनों के जरिए
नक्सली विचारधारा का प्रचार कर रहे थे और नए युवाओं को संगठन से जोड़ने का काम कर रहे थे। एनआईए अफसरों का कहना है कि नक्सलियों की शहरी नेटवर्क पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
कई सप्लाई लाइन ध्वस्त भी की गई है गांव से लेकर शहरों तक फोर्स के इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है ताकि किसी भी स्तर पर नक्सली नेटवर्क पनप न सके।
उत्तर और उत्तर-पूर्वी राज्यों पर फोकस
सुरक्षा एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि संगठन ने अपना विशेष फोकस एनआरबी के आधा दर्जन राज्यों, नॉर्थ ईस्ट के मिजोरम और नागालैंड में सक्रिय उग्रवादी संगठनों के साथ साथ केकेटी ट्राई जंक्शन केरल, कर्नाटक और तमिलन इन इलाकों में शहरी और ग्रामीण इलाकों के बीच नेटवर्क तैयार कर नक्सली अपनी गतिविधियों को गुप्त रूप से संचालित कर रहे हैं। उत्तर-पूर्व के कुछ सीमावर्ती इलाकों में विदेशी संगठनों के साथ संभावित संपर्कों की भी जानकारी मिली है इसकी भी जांच की जा रही है।