44 हजार से बढ़ाकर 444000 कर ली थी सैलरी
संदीप शर्मा जबलपुर में संपरीक्षा ऑफिस में पदस्थ था और उसने सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी कर अपने वेतन 44 हजार रूपये में आगे एक डिजिट जोड़कर अपनी सैलरी 4 लाख 44 हजार रूपये कर ली थी और कई महीनों तक इतनी सैलरी लेता रहा। यह 56 लाख 58 हजार रुपए थे। उसने 95 लाख 23 हजार रुपए का अनधिकृत आहरण किया। अर्जित अवकाश समर्पण और समूह बीमा योजना का चार करोड़ 69 लाख 82 हजार रुपए, परिवार कल्याण निधि का 57 लाख 87 हजार 479 रुपए का भुगतान अपने और अपने रिश्तेदारों के बैंक खाते में भी ट्रांसफर कर दिया। उसी कार्यालय में पदस्थ अनूप कुमार बौरिया को डीए एरियर की राशि 28 हजार आठ रुपए स्वीकृत हुई। लेकिन, साफ्टवेयर में गड़बड़ी कर संदीप ने अनूप को दो लाख 53 हजार आठ रुपए का लाभ दे दिया। उसने उपसंचालक मनोज बरहैया और सीमा तिवारी, प्रिया विश्नोई व अनूप कुमार के खाते में भी रकम पहुंचाई थी। ये अभी फरार
मामले में संचालनालय स्थानीय निधि संपरीक्षा भोपाल सतपुडा भवन कार्यालय में पदस्थ उप संचालक मनोज बरहैया, सीमा तिवारी, अनूप कुमार बौरिया और प्रिया विश्नोई फरार है। उन पर भी 20-20 हजार रुपए का इनाम है। सभी पर 12 मार्च को ओमती थाने में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था।