government employees : मप्र हाईकोर्ट से आयुध निर्माणियों में कार्यरत कर्मियों को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल व जस्टिस अवनींद्र कुमार सिंह की खंडपीठ ने कैट के आदेश के खिलाफ ऑर्डनेंस फैक्टरी की ओर से दायर किए गए 30 मामले आधारहीन पाकर खारिज कर दिए। कोर्ट ने आधारहीन याचिकाएं दायर करने के लिए आयुध निर्माणियों व केंद्र सरकार पर 3 लाख रुपए कॉस्ट भी लगाई। मामला आयुध निर्माणियों के कर्मियों को 6 वें वेतनमान की गणना में एचआरए, टीए जोड़कर ओटी भत्ता देने का था।
government employees : कैट के आदेश के खिलाफ दायर किए गए थे 30 मामले आयुध निर्माणियों पर हाईकोर्ट ने लगाई 3 लाख रुपए कॉस्ट, याचिकाएं खारिज
छठवें वेतनमान में प्रावधान किया गया था कि कर्मचारियों के ओवरटाइम की गणना में हाउस रेंट अलाउंस, टीए एवं स्मॉल फैमिली अलाउंस की गणना भी की जाए। लेकिन, 2006 से छठवें वेतनमान के लागू होने के बाद ओवर टाइम की गणना में इन अलाउंस को शामिल नहीं किया गया था। इसी विसंगति को लेकर निर्माणियों के कर्मियों ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण(कैट) के समक्ष याचिका दायर की थी। कैट की जबलपुर यूनिट ने 24 मार्च 2025 को कर्मचारियों के पक्ष में फैसला देते हुए तीन माह में भुगतान हेतु आदेशित किया था।
Ordnance Factory Khamaria
government employees : आदेश के खिलाफ 30 याचिकाएं दायर
जबलपुर स्थित ऑर्डनेंस फैक्टरी की फील्ड यूनिट ने उक्त आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में 30 याचिकाएं दायर की थी। गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका को सिरे से खारिज कर दिया।कोर्ट ने प्रत्येक याचिका के लिए केंद्र सरकार पर 10 हजार रुपए कॉस्ट लगाई।
Hindi News / Jabalpur / इस सरकारी कर्मचारियों हो गई बल्ले-बल्ले, हाईकोर्ट ने दिया ये बड़ा आदेश