45 मिनट तक दर्द से कराहता रहा बच्चा
रेलवे के इंजीनियर बच्चे के पैर को करीब 45 मिनट बाद लोहे की रॉड की मदद से निकालने में सफल हुए। इस बीच असहनीय दर्द में कराहता बच्चा मदद के लिए बिलखता रहा। उसका पैर गंभीर रूप से जख्मी हुआ है। वहीं प्रबंधन ने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं। इसमें एस्केलेटर की सुरक्षा परखी जाएगी।
रेलवे उठा रहा खर्चा
घटना की सूचना मिलते ही सीनियर डीसीएम मधुर वर्मा और आरपीएफ प्रभारी सुधीर कुमार मौके पर पहुंचे। घायल बच्चे को तुरंत निजी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका ऑपरेशन किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक उसकी हालत अब स्थिर है। रेलवे प्रशासन इलाज का पूरा खर्च उठा रहा है। यह घटना सार्वजनिक स्थानों पर बच्चों की निगरानी और सतर्कता की जरूरत को उजागर करती है।