राजा रघुवंशी की 11 मई को सोनम से शादी हुई थी। 20 मई को नवदंपत्ति हनीमून के लिए रवाना हुए और 23 मई को दोनों गायब हो गए। इसी के बाद केस मीडिया में आया। 2 जून को राजा की लाश मिली लेकिन पत्नी सोनम का सुराग नहीं लग सका था। 9 जून को वह भी गाजीपुर में मिल गई और मेघालय पुलिस ने उसकी असलियत भी बता दी। तब से यह केस देशभर की मीडिया में छाया हुआ है।
23 मई को नवदंपत्ति के गायब होने के बाद से राजा रघुवंशी का घर मीडियाकर्मियों के जमावड़े का केंद्र बन गया था। सुबह से लेकर देर रात तक राजा के सभी परिजन पत्रकारों से बातचीत करते रहते थे। बहू सोनम के साथ अपने बेटे राजा के अचानक गुम हो जाने, फिर उसका शव मिलने और इसके बाद सोनम का इस हत्याकांड में नाम आने की हर अपडेट के बारे में परिजन खुलकर बयान देते थे पर शुक्रवार को यह सिलसिला समाप्त हो गया। राजा के परिजनों ने अब मीडिया से कोई भी बात नहीं करने का फैसला ले लिया है। हालांकि उन्होंने मीडिया को उसके सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया है।
राजा रघुवंशी के परिजनों को मजबूरी में यह फैसला लेना पड़ा
राजा रघुवंशी के परिजनों को मजबूरी में यह फैसला लेना पड़ा है। दरअसल दो दिन पूर्व यानि बुधवार को उनके घर में खूब धक्कामुक्की हुई थी। सोनम रघुवंशी के भाई गोविंद रघुवंशी यहां आए थे जिन्हें कवर करने के लिए फोटोग्राफरों और पत्रकारों की जबर्दस्त भीड़ लगी। इस गहमागहमी में न केवल परिजन परेशान हो गए बल्कि घर के फर्नीचर को भी खासा नुकसान पहुंचा। इसी के बाद राजा रघुवंशी के परिजनों ने मीडियाकर्मियों से परहेज करना शुरु कर दिया है। उनका कहना है कि केस के संबंध में अब वे केवल पुलिस से ही बातचीत करेंगे।