मेरा बेटा भूखा चला गया…
परिवार के कुछ सदस्यों ने हिम्मत कर ताबूत उठाया और बाहर सजी अर्थी पर रख दिया। मां दौड़ते हुए पहुंची और उसे दुलारने का प्रयास करने लगी। यह दृश्य देख हर किसी की आंखें नम हो गई। ससुराल पक्ष दामाद की हत्या और लापता बेटी के दुख में आपा खो बैठा। परिवार के लोग उन्हें ढांढस बंधाते रहे। बेटे की एक झलक पाने मां चीखती रही। बार-बार याद कर कहती रही कि बेटा भूखा चला गया…उसने कुछ नहीं खाया था, मैंने तुझे जाने से क्यों नहीं रोका। लापता बहू सोनम के सकुशल मिलने की कामना करते रहे। शाम को परिजन ने रीजनल पार्क मुक्तिधाम में राजा का दाह संस्कार किया।
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दामाद की अंतिम यात्रा में ससुर देवलाल रघुवंशी, पत्नी व परिवार शामिल हुआ। वे अपने समधी से मिलते ही बेसुध हो गए। उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। परिजन ने बताया, वे दिल के मरीज है। सभी उन्हें ढांढस बंधाते रहे। अंतिम यात्रा में वे चल भी नहीं पा रहे थे।