इंदौर-इच्छापुर हाई-वे में सबसे अहम तेजाजी नगर से बलवाड़ा तक का 33 किमी का हिस्सा है। घाट सेक्शन पर पुल-पुलिया, लाई ओवर बन रहे हैं। तीन टनल का काम भी लंबे समय से चल रहा है। तीनों टनल एनएटीएम तकनीक से बनाई जा रही है, जो ऑटोमेटिक होंगी। आपातकालीन स्थिति में बैरिकेड्स बंद हो जाएंगे। आग बुझाने के उपकरण भी लगाए जा रहे हैं।
पक्की हो रही टनल
एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि टनल आर-पार होने के बाद छत समेत तीनों ओर को लाइनर यानी सीमेंट-कांक्रीट से पक्का किया जा रहा है। रेलवे की पटरियों जैसे बेस पर गेंट्री लगाई है। इसमें 42 खिड़कियां हैं। गेंट्री एक दिन में 12.5 मीटर लाइनर कर देती है। इसके बाद इसे आगे बढ़ा दिया जाता है। 42 खिड़कियों और टनल की दीवार के बीच 2.5 मीटर की गैप में सरिये का जाल है। एक खिड़की से सीमेंट-कांक्रीट भरने के बाद दूसरी खिड़की से जब मटेरियल निकलने लगता है तो उसे बंद कर देते हैं। इस तरह टनल को पक्का किया जा रहा है। टनल में सड़क बनाने के लिए बेस बना दिया गया है।
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बांझल ने बताया कि दतौंदा के यहां बनाए गए लाई ओवर से ट्रैफिक शुरू हो चुका है। सिमरोल बायपास, सिमरोल अंडरपास और दतौंदा के पास बन रहे अंडरपास को भी बारिश के पहले शुरू करने की तैयारी है।