भारत का पहला हॉलीवुड सुपरस्टार साबू दस्तगीर की कहानी
Indian Hollywood Star: भारतीय सिनेमा के इतिहास में जल्द ही एक ऐसी कहानी दिखाई जाने वाली है, जो न सिर्फ इंस्पायर्ड करने वाली है बल्कि अब तक की सबसे अनकही कहानियों में से एक भी है। यह कहानी है साबू दस्तगीर की। जी हां, एक आम भारतीय लड़का जो हॉलीवुड का पहला भारतीय सुपरस्टार बना।
रिपोर्ट्स के मुताबिक लेखिका देबलीना मजूमदार की प्रशंसित जीवनी ‘साबू: द रिमार्केबल स्टोरी ऑफ इंडियाज फर्स्ट एक्टर इन हॉलीवुड’ के फिल्म और टेलीविजन अधिकार ऑलमाइटी मोशन पिक्चर ने हासिल कर लिए हैं।
रातों-रात स्टार
साबू का जन्म 1924 में मैसूर (अब कर्नाटक) के एक छोटे से परिवार में हुआ था। उनके पिता एक हाथीपाल थे, और साबू का बचपन भी हाथियों के बीच ही बीता। किस्मत तब बदली जब ब्रिटिश फिल्म निर्देशक रॉबर्ट जे. फ्लैहर्टी ने भारत आकर एक फिल्म ‘एलीफैंट बॉय’ के लिए बाल कलाकार की तलाश शुरू की। साबू की मासूमियत और स्वाभाविकता ने उन्हें यह मौका दिला दिया। यह फिल्म लंदन फिल्म्स स्टूडियो, डेनहम और मैसूर में शूट की गई थी।
1937 में आई ‘एलीफैंट बॉय’ ने साबू को रातों-रात स्टार बना दिया। इसके बाद उन्होंने ‘द थिफ ऑफ बगदाद’, ‘जंगल बुक’ और ‘द ड्रम्म’ जैसी कई बड़ी हॉलीवुड फिल्मों में काम किया और लाखों दिलों पर राज किया।
भारत का पहला Hollywood सुपरस्टार साबू दस्तगीर (फोटो सोर्स: आईएएनएस) उनकी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर खूब धूम मचाई और वे पूरब और पश्चिम के बीच एक सांस्कृतिक सेतू बन गए थे। सिनेमा में उनके खास योगदान को देखते हुए, उन्हें 1960 में हॉलीवुड ‘वॉक ऑफ फेम’ में जगह मिली, दुख की बात यह की 1963 में 39 की उम्र में दिल का दौरा पड़ने की वजह से साबू का अचानक निधन हो गया था।
बायोपिक सिर्फ एक स्टार की कहानी नहीं, बल्कि …
यह बायोपिक सिर्फ एक स्टार की कहानी नहीं, बल्कि हिम्मत, संघर्ष और आत्मविश्वास की मिसाल है। फिल्म में दिखाया जाएगा कि कैसे सीमित साधनों के बावजूद, एक भारतीय लड़का दुनिया के सबसे बड़े फिल्म उद्योग में अपना नाम बना सका।
निर्माताओं का दावा है कि यह फिल्म ना सिर्फ लोगों को मनोरंजन देगी, बल्कि प्रेरणा भी देगी। फिल्म की रिलीज डेट जल्द ही घोषित की जाएगी।
फिल्म की निर्माता ने क्या कहा?
ऑलमाइटी मोशन पिक्चर्स की निर्माता और अभिनेत्री ‘प्रभलीन संधू’ ने कहा कि साबू की कहानी को सच्चाई से पर्दे पर लाना चाहिए। उन्होंने कहा, “साबू की कहानी को भव्यता और सच्चाई के साथ लोगों के सामने लाना चाहिए। वह सिर्फ भारत के पहले वैश्विक सितारे ही नहीं थे, बल्कि वह महाद्वीपों, संस्कृतियों और युगों के बीच एक सेतु थे। उनकी कहानी को पर्दे पर लाना फिल्म निर्माण से कहीं बढ़कर है। यह एक ऐसी विरासत को संजोना है जिसे दुनिया कभी नहीं भूलेगी और यह एक ऐसी जिम्मेदारी है जिसे हम अपने दिलों के करीब रखते हैं।”