scriptDipika Kakar को फिर क्या हुआ, सर्जरी के बाद 10 प्रतिशत लोगों में दिखते हैं ये लक्षण, डॉक्टर से जानिए इसका मतलब | What happened to Dipika Kakar again symptoms seen 10 percent of people after liver surgery know meaning from a cancer doctor | Patrika News
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Dipika Kakar को फिर क्या हुआ, सर्जरी के बाद 10 प्रतिशत लोगों में दिखते हैं ये लक्षण, डॉक्टर से जानिए इसका मतलब

Dipika Kakar: हाल के व्लॉग में दीपिका ने अपने हेल्थ अपडेट देते हुए कहा कि “टार्गेटेड थेरेपी की दवाएं लेते हुए एक महीने से अधिक हो गया है,” जिससे उन्हें कुछ साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ रहा है।एक्सपर्ट से दीपिका को हुए इन साइड इफेक्ट्स से जुड़े कुछ सुझाव जाने ।

भारतAug 16, 2025 / 06:29 pm

MEGHA ROY

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फोटो सोर्स – ms.dipika

Dipika Kakar Health News : फेमस टीवी एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ ने जून में अपने लिवर से कैंसर ग्रस्त ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी करवाई। ऑपरेशन के बाद करीब डेढ़ साल तक इलाज जारी रखने की सलाह दी गई है। ये बात उनके पति शोएब ने व्लॉग में बताया कि ट्यूमर आने के चांस हैं, इसलिए ट्रीटमेंट लंबे टाइम तक चलेगा…। वहीं, हाल के व्लॉग में दीपिका ने अपने हेल्थ अपडेट देते हुए कहा कि “टार्गेटेड थेरेपी की दवाएं लेते हुए एक महीने से अधिक हो गया है,” जिससे उन्हें कुछ साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ रहा है। बालों का झड़ना, त्वचा पर चकत्ते और थकान जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं जो थेरेपी के दौरान केवल 10% लोगों में देखे जाते हैं। आइए इसके बारे में डॉ. जयेश शर्मा, कैंसर सर्जन से जरूरी बातों को समझते हैं।

Dipika Kakar Health Update | एक्ट्रेस दीपिका की हेल्थ अपडेट

अपने व्लॉग में दीपिका कक्कड़ ने डॉक्टर से फॉलो-अप के बाद अपनी हेल्थ को लेकर फैंस को एक अपडेट दी। उन्होंने बताया, “मैंने डॉक्टर को अपनी सभी चिंताओं के बारे में बताया जैसे कि नाक और गले की परेशानी, अल्सर और हथेली पर चकते। ये सभी टार्गेटेड थेरेपी के तहत ली जा रही दवाओं के साइड इफेक्ट्स हैं। अगर सूजन ज्यादा बढ़ती है, तो इन लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए मुझे अतिरिक्त दवाएं दी जा रही हैं। इन टैबलेट्स की वजह से मेरे बाल भी झड़ने लगे हैं। यह साइड इफेक्ट केवल 10 प्रतिशत लोगों में ही देखा जाता है और दुर्भाग्य से मैं उनमें से एक हूं। लेकिन इसकी कोई शिकायत नहीं है, क्योंकि इस वक्त दवा लेना और इलाज जारी रखना सबसे जरूरी है।”

कैंसर के इलाज में होने वाली दवाइयों के साइड इफेक्ट्स

डॉ. जयेश शर्मा, कैंसर सर्जन ने बताया कि कैंसर के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के साइड इफेक्ट्स होते ही हैं। लेकिन इन तरह-तरह की प्रॉब्लम्स के लिए हम पहले से तैयार रहें तो बेहतर है, क्योंकि कैंसर के इलाज में काफी पावरफुल दवाइयों का इस्तेमाल होता है। उन्होंने यह भी बताया कि इसे एक ट्रीटमेंट फेज मानकर चलना सही रहेगा। अगर हम दवाइयों का डोज लेना बंद कर दें, तो कैंसर जैसी बड़ी बीमारी से फिर से जूझना पड़ सकता है। डरने से मन में और डर बैठ जाता है, इसलिए फॉलो-अप और स्कैन सही से करवाते रहें।

स्कैनजायटी शब्द क्या है ?

डॉ. जयेश शर्मा ने बताया कि स्कैनजायटी एक शब्द है, जो स्कैन को लेकर बने डर को दर्शाता है। लेकिन जब स्कैनिंग की प्रोसेस को स्टेप बाय स्टेप पार किया जाता है, तो यह डर धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। इसलिए, बार-बार कैंसर न हो, इसके लिए डॉक्टर से कंसल्ट करें और दूसरी ऑप्शंस पर चर्चा करें, ताकि आगे अगर कोई समस्या आती है, तो हमें पता हो कि क्या करना है। इससे मन का डर बड़ा नहीं होता और मरीज भरोसे में रहता है, जिससे एंग्जायटी भी दूर हो सकती है।

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