समय से पहले मानसून आने से बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा-एक्सपर्ट
डॉ. अर्जुन राज (आयुर्वेदिक चिकित्सक) बताते हैं कि मॉनसून आते ही बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। इनमें सामान्य सर्दी-खांसी, फ्लू, वायरल बुखार, इंफेक्शन, एलर्जी, गैस्ट्रोएंट्राइटिस, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए और ई जैसी बीमारियां शामिल हैं। लेकिन सबसे ज्यादा खतरा मलेरिया, डेंगू , टाइफॉइड और चिकनगुनिया का होता है, जिनके होने के मौके बारिश के मौसम में अधिक बढ़ जाते हैं। इस बार मानसून समय से जल्दी आ गया है, जिससे इन बीमारियों का खतरा और भी बढ़ सकता है। इसलिए इस मौसम में साफ-सफाई और स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना जरूरी है।2025 मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ते मामले
बीमारी का नाम | 2024 (जनवरी-जून) | 2025 (जनवरी-जून) | वृद्धि की स्थिति |
---|---|---|---|
मलेरिया | 1,612 | 1,973 | बढ़ोतरी (341 केस की वृद्धि) |
चिकनगुनिया | 21 | 115 | तेज़ उछाल |
गैस्ट्रोएन्टराइटिस | 3,478 | 3,577 | मामूली बढ़ोतरी |
हेपेटाइटिस | 248 | 359 | उल्लेखनीय बढ़ोतरी |
मलेरिया (केवल जून के पहले दो हफ्ते) | — | 341 केस | चिंताजनक स्थिति |
डेंगू (Dengue)
डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो Aedes मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर साफ और रुके हुए पानी में पनपता है, जैसे कि फूलदान, कूलर, या पानी से भरे गमले, और दिन के समय सबसे अधिक सक्रिय होता है। जब यह मच्छर किसी डेंगू संक्रमित व्यक्ति को काटकर फिर किसी और व्यक्ति को काटता है, तो वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे तेज दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। साथ ही त्वचा पर लाल चकत्ते या रैश भी दिखाई दे सकते हैं। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह खतरनाक रूप ले सकता है, इसलिए लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।बचाव कैसे करें
घर के आसपास पानी जमा न होने दें।फूलदान, कूलर, और छत पर रखे बर्तनों की सफाई करें।
मच्छरदानी, फुल-स्लीव कपड़े और मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें।
मलेरिया (Malaria)
मलेरिया एक जानलेवा रोग है जो Anopheles मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर गंदे और रुके हुए पानी में अंडे देता है और आमतौर पर रात के समय सक्रिय होता है। जब यह मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है और फिर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो उसके शरीर में Plasmodium परजीवी प्रवेश कर जाता है, जो मलेरिया का कारण बनता है। मलेरिया के लक्षणों में कंपकंपी के साथ तेज बुखार आना, सिरदर्द होना, ठंड लगना और पसीना आना प्रमुख हैं। इसके अलावा मरीज़ को उल्टी, मिचली और सामान्य थकावट भी महसूस हो सकती है। समय पर उपचार न मिलने पर यह रोग गंभीर रूप ले सकता है, इसलिए शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें।बचाव कैसे करें
आसपास जलजमाव न होने दें।सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
घर में मच्छर-रोधी स्प्रे और धूपबत्ती का प्रयोग करें।
टाइफॉइड (Typhoid)
टाइफॉइड एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो मुख्य रूप से दूषित पानी और खाने के माध्यम से फैलता है। बारिश के मौसम में पानी की सप्लाई और जल स्रोतों के गंदा होने की वजह से यह बीमारी तेजी से फैल सकती है। जब कोई व्यक्ति ऐसे संक्रमित पानी या भोजन का सेवन करता है, तो उसमें Salmonella typhi नामक बैक्टीरिया प्रवेश कर जाता है, जिससे टाइफॉइड होता है। इसके लक्षणों में लगातार बुखार बने रहना, पेट में दर्द, भूख में कमी, थकावट और शरीर में कमजोरी महसूस होना शामिल है।बचाव कैसे करें
केवल उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं।बाहर का खाना खाने से बचें, खासकर कटे-फटे फल और खुले में मिलने वाली चीजें।
हाथों को साबुन से बार-बार धोएं।
चिकनगुनिया (Chikungunya)
चिकनगुनिया एक वायरल संक्रमण है जो डेंगू की तरह Aedes मच्छर के काटने से फैलता है। ये मच्छर बारिश से पहले और उसके दौरान सबसे ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं क्योंकि पानी जमा होने पर उनके प्रजनन की गति तेज हो जाती है। इसलिए अक्सर देखा जाता है कि चिकनगुनिया के मामले मानसून शुरू होने से पहले ही सामने आने लगते हैं। इस बीमारी के लक्षणों में अचानक तेज बुखार आना, जोड़ों में सूजन और तेज दर्द शामिल हैं, जो कई बार हफ्तों या महीनों तक रह सकता है। इसके अलावा मरीज़ को सिरदर्द, थकान, और त्वचा पर लाल दाने भी हो सकते हैं।बचाव कैसे करें
फुल स्लीव्स पहनें, मच्छरदानी और रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।छत, टैंक, कूलर और गमले साफ रखें।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हल्दी, तुलसी, गिलोय आदि का सेवन करें।
मानसून में होने वाली बीमारियों से बचने के कुछ कॉमन सुझाव
