Birth Control Pills Increase Heart Attack : गर्भनिरोधक गोली से महिलाओं को हार्ट अटैक का खतरा? डॉक्टर से समझिए क्या है सच्चाई
Heart attack due to Contraceptive Pills : मुंबई में 27 साल की एक महिला को हाल ही में दिल का दौरा पड़ा. वजह बनी गर्भनिरोधक गोलियों। गर्भनिरोधक गोलियों के लंबे इस्तेमाल से खून के थक्के जम सकते हैं, जो दिल के दौरे की वजह बन सकते हैं.
Birth Control Pills Increase Heart Attack : मुंबई की एक 27 साल की महिला को हाल ही में दिल का दौरा पड़ा, जबकि उनमें ऐसा होने का कोई बड़ा कारण नहीं था. असल में, वह पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) नाम की एक हार्मोनल बीमारी के लिए पिछले सात सालों से गर्भनिरोधक गोलियां ले रही थीं. PCOS में पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं और अंडाशय में गांठें बन जाती हैं. इस महिला को बिलकुल अंदाजा नहीं था कि इन गोलियों के लंबे इस्तेमाल से खून के थक्के जम सकते हैं, जो दिल का दौरा (Birth Control Pills Increase Heart Attack) पड़ने का कारण बन सकते हैं. इस बात की सच्चाई जानने के लिए patrika.com ने बात की डॉ. हेमन्त चतुर्वेदी सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट (फैलो अमेरीकन कॉलेज़ ऑफ कार्डियोलोजी) जयपुर से।
गर्भनिरोधक गोलियां दिल को कैसे प्रभावित करती हैं? (Heart attack due to Contraceptive Pills)
PCOS के लिए गर्भनिरोधक गोलियां अक्सर पीरियड्स को नियमित करने, पुरुष हार्मोन को नियंत्रित करने और गर्भाशय की परत को मोटा होने से रोकने के लिए दी जाती हैं. बहुत से लोग सोचते हैं कि इन गोलियों में एस्ट्रोजन होता है, जो दिल के लिए अच्छा माना जाता है, तो फिर दिल का खतरा क्यों?
डॉ. हेमन्त चतुर्वेदी ने कहा दरअसल, गोलियों में मौजूद एस्ट्रोजन प्राकृतिक एस्ट्रोजन से अलग होता है और यह दिल के लिए सुरक्षित नहीं होता. यह खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ा सकता है, जिससे दिल का दौरा (Birth Control Pills Increase Heart Attack) या स्ट्रोक आ सकता है.
Oral Contraceptive Pills
ये गोलियां तीन मुख्य तरीकों से दिल पर असर डालती हैं (Birth Control Pills Side Effects)
खून के थक्के (Blood Clots): ये गोलियां खून को गाढ़ा कर देती हैं, जिससे खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है. अगर ये थक्के दिल तक खून ले जाने वाली नसों (धमनियों) में फंस जाएं, तो खून का बहाव रुक जाता है, जिससे दिल का दौरा (Birth Control Pills Increase Heart Attack) पड़ सकता है.
ब्लड प्रेशर का बढ़ना (High Blood Pressure): इन गोलियों से ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है, जो दिल की बीमारियों का एक बड़ा कारण है. कोलेस्ट्रॉल में बदलाव (Altered Cholesterol Levels): ये गोलियां ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ा सकती हैं और ‘अच्छे’ कोलेस्ट्रॉल (HDL) को कम कर सकती हैं, जिससे दिल की बीमारी का खतरा और बढ़ जाता है.
एस्ट्रोजन हार्मोन शरीर में खून के थक्के बनने की संभावना को बढ़ा देता है. ये थक्के शरीर के कई हिस्सों में बन सकते हैं और गंभीर रूप ले सकते हैं:
पैरों, हाथों या पेल्विस की नसों में: अगर थक्का गहरी नस में बने, तो उस जगह पर सूजन और दर्द हो सकता है, क्योंकि खून का बहाव रुक जाता है. फेफड़ों में (पल्मोनरी एम्बोलिज्म): अगर थक्का टूटकर फेफड़ों में चला जाए, तो यह वहां खून की नसों को ब्लॉक कर सकता है. इससे ऑक्सीजन की कमी होती है और दिल व फेफड़ों पर बहुत दबाव पड़ता है, जो खतरनाक हो सकता है.
दिमाग में (ब्रेन स्ट्रोक): ये थक्के दिमाग तक भी पहुंचकर खून के बहाव को रोक सकते हैं, जिससे ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है. एक रिसर्च के अनुसार, गर्भनिरोधक गोलियां लेने वाली महिलाओं में धमनियों में खून के थक्के जमने का खतरा दोगुना और नसों में थक्के जमने का खतरा चार गुना से भी ज़्यादा बढ़ जाता है.
किन महिलाओं को ज़्यादा खतरा है?
गर्भनिरोधक गोलियों से दिल का दौरा पड़ने का खतरा कुछ खास महिलाओं में ज़्यादा होता है: 35 साल से ज़्यादा उम्र की महिलाएं। धूम्रपान करने वाली महिलाएं। जिन महिलाओं को पहले से दिल की बीमारी के अन्य जोखिम हैं, जैसे: हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) शुगर (मधुमेह) खून में हीमोग्लोबिन का बहुत ज़्यादा होना खून में प्लेटलेट्स की संख्या का बहुत ज़्यादा होना
बचाव के लिए क्या करें?
डॉ. हेमन्त चतुर्वेदी ने कहा अगर आपको PCOS के लिए गर्भनिरोधक गोलियां लेने की सलाह दी गई है, तो अपनी दिल की सेहत का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है:
हृदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) से मिलें: गर्भनिरोधक गोलियां लेते समय किसी कार्डियोलॉजिस्ट से मिलकर अपने दिल से जुड़े जोखिम कारकों की जांच करवाएं. इससे किसी भी अंदरूनी समस्या का पता चल जाएगा. खून पतला करने वाली दवाएं (एंटीकोआगुलेंट): अगर आपके पैरों में सूजन जैसे खून के संचार से जुड़ी कोई समस्या के संकेत दिखें, तो डॉक्टर खून पतला करने वाली दवाएं (ओरल एंटीकोआगुलेंट) दे सकते हैं.
सुरक्षित विकल्प चुनें (प्रोजेस्टिन-ओनली पिल्स): जिन गर्भनिरोधक गोलियों में केवल ‘प्रोजेस्टिन’ होता है, उनसे दिल का खतरा कम होता है. यह कुछ महिलाओं के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है. इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें.
याद रखें, गर्भनिरोधक गोलियां लेते समय अपनी दिल की सेहत पर नज़र रखना और डॉक्टर की सलाह मानना बहुत ज़रूरी है ताकि आप स्वस्थ और सुरक्षित रह सकें.
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