scriptCyber Fraud: हनुमानगढ़ में साइबर ठगी का भंडाफोड़, शिफ्ट में लगती थी ड्यूटी, करोड़ों का हुआ लेनदेन | Cyber ​​fraud busted in Hanumangarh transactions worth 5 to 10 lakhs daily gang leader absconding | Patrika News
हनुमानगढ़

Cyber Fraud: हनुमानगढ़ में साइबर ठगी का भंडाफोड़, शिफ्ट में लगती थी ड्यूटी, करोड़ों का हुआ लेनदेन

Cyber Fraud: राजस्थान की हनुमानगढ़ पुलिस ने एक बड़े साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। ये लोग पूरे देश में अपना तार फैलाए हुए थे। इनके कब्जे से 20 मोबाइल फोन, 30 सिम कार्ड, 4 स्मार्ट एलईडी, 2 डेस्कटॉप सीपीयू आदि बरामद हुए हैं।

हनुमानगढ़Jul 04, 2025 / 04:37 pm

Kamal Mishra

Cyber Crime

साइबर अपराध (फोटो सोर्स- Freepik)

हनुमानगढ़। किराए के मकान में साइबर ठगी का धंधा कर लोगों की जमा पूंजी को चूना लगाने वाले गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। जंक्शन थाना पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 20 मोबाइल फोन, 30 सिम कार्ड, 4 स्मार्ट एलईडी, 2 डेस्कटॉप सीपीयू एवं 1 वाईफाई सेटअप बरामद किया। मुख्य आरोपी पकड़ से दूर है।
जिला पुलिस अधीक्षक हरीशंकर यादव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ठग गिरोह के मास्टर माइंड की तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि ठग गिरोह के सदस्य फर्जी अकाउंट्स में करोड़ों रुपए की साइबर फ्रॉड राशि का लेन-देन कर चुके हैं। आरोपी न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मकान किराए पर लेकर साइबर ठगी गिरोह का संचालन कर रहे थे।
एसपी ने बताया कि एसआई सुरेन्द्र बिश्नोई के नेतृत्व में गठित टीम ने बुधवार रात्रि सूचना के आधार पर दबिश देकर शिवचरण वाल्मीकि निवासी वार्ड 44, सुरेशिया, जंक्शन व शुभम शर्मा निवासी भट्टा कॉलोनी, जंक्शन को गिरफ्तार किया।

मास्टर माइंटड आसिफ अली फरार

उनके कब्जे से मोबाइल, सिम कार्ड, एलईडी आदि उपकरणों के अलावा अन्य राज्यों के बैंकों की पास बुक, चेक बुक तथा डेबिट कार्ड बरामद किए गए। गिरोह का स्थानीय मास्टर माइंड आसिफ अली निवासी भट्टा कॉलोनी फरार है। तलाश के लिए टीमें गठित की गई हैं। जांच थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह को सौंपी गई है।

ऐसे चूना लगाते थे बदमाश

एसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य फर्जी खातों का प्रयोग कर बड़े पैमाने पर पैसे अन्य खातों में ट्रांसफर करते हैं। ठग गिरोह के अन्य सदस्य व्हाट्सएप ग्रुप में खातों की लिस्ट भेजते। उनमें आरोपी फ्रॅाड राशि ट्रांसफर करते थे। बरामद मोबाइल फोन का प्रयोग खाता चलाने व राशि को ट्रांसफर करने के लिए, ओटीपी प्राप्त करने के लिए किया जाता था।

24 घंटे चलता था ठगी का अड्डा

यह ठगी का सेंटर 24 घंटे संचालित किया जा रहा था। प्रत्येक शिफ्ट में 3-4 व्यक्ति काम करते थे। शिफ्ट दिन व रात की अलग-अलग होती थी। गिरोह के सदस्य कम्प्यूटर स्क्रीन पर प्राप्त होने वाले निर्देशों का पालन करते थे। ठगी का यह सेंटर कंपनी की आड़ में संचालित हो रहा था जो आपस में फोन पर बात नहीं करते। इनका हायर सेंटर पर व्हाट्सएप चैट संपर्क होता था।

टीम में यह रहे शामिल

कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम में एसआई सुरेन्द्र बिश्नोई, हैड कांस्टेबल राकेश कुमार, कांस्टेबल सुरेश कुमार, संदीप कुमार व साइबर सेल के कांस्टेबल हेमेन्द्र सिंह शामिल रहे।

डेली दस लाख का तक का लेन-देन

आरोपियों के कब्जे से जब्त बैंक पास बुक्स, एटीएम कार्ड, चेक बुक्स आदि बैंगलोर, जम्मू एंड कश्मीर, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र आदि राज्यों की है। इसके संबंध में बैंकों से रिकॉर्ड प्राप्त किया जा रहा है। प्रथम दृष्टया प्रतिदिन करीब 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए का साइबर ठगी लेनदेन आरोपियों की ओर से किया जा रहा था।

बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता भी संभव

प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि खातों में ट्रांसफर किए रुपए हवाला, साइबर ठगी, अवैध ऑनलाइन गेमिंग व यूएसटीडी का हो सकता है। बैंकों का खाता खुलने से लेकर लेनदेन की प्रक्रिया में बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों की संलिप्तता की भी संभावना है। आरोपियों से बरामद मोबाइल फोन से करोड़ों रुपयों का अवैध लेन-देन सामने आया है। बरामद मोबाइल फोन के पीछे कागज पर छदम खाता धारकों के नाम, मोबाइल नम्बर व बैंक का नाम लिखा मिला है। – हरीशंकर यादव, एसपी।

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