हर दिन 25 के आसपास शिकायतें झांसी मंडल की ट्रेनों में हर दिन 25 से ज्यादा यात्रियों की शिकायतें ऑनलाइन आती हैं। जिसमें दूसरे यात्री द्वारा कब्जा करने की शिकायतें ज्यादा हैं। कई बार तो कोच में चलने तक को जगह नहीं बचती। वहीं वेटिंग टिकट वाले भी सीटों पर बैठने की शिकायतें बढ़ी हैं।
ऐसे विवाद आ रहे सामने: – 22 अगस्त: दिल्ली की तरफ जा रही मालवा एक्सप्रेस के कोच-एस-9 से यात्री सुखदेव ने सीट न मिलने पर शिकायत दर्ज कराई थी। काफी देर बाद पहुंचे टीटीई ने पूरा कोच चेक किया तब कहीं जाकर मुरैना के आगे उन्हें सीट मिली।
– 28 अगस्त: पंजाब मेल के कोच एस- 5 में महादेवी बाई भोपाल के लिए ट्रेन में चढ़ी। उनकी सीट पर पहले से यात्री बैठा था। इसके बाद डबरा में जाकर सीट मिल सकी।
-29 अगस्त: ताज एक्सप्रेस में झगड़े के बाद पहुंची सीट तक झांसी से चलकर निजामुद्दीन जाने वाली ताज एक्सप्रेस में भीड़ के चलते सोहन लाल की सीट पर झांसी से ही यात्री बैठकर आ रहा था। सीट के लिए झगडने के बाद ग्वालियर के पास उन्हें सीट मिल सकी।
ट्रेनें तो बढ़ीं पर स्टाफ नहीं ग्वालियर से दस ट्रेनों का संचालन काफी समय से हो रहा था। वहीं अभी ग्वालियर- बेंगलुरु, ग्वालियर- पुरी, दक्षिण एक्सप्रेस और श्री धाम एक्सप्रेस भी ग्वालियर को मिली हैं। इन सभी ट्रेनों में टीटीई जाने लगे हैं। इस तरह चार ट्रेनों में आठ फेरे के लिए 16 से 24 टीटीई की जरूरत है, लेकिन यहां पर तो टीटीई की पहले से ही कमी है।
185 की जगह 133 से चला रहे काम ग्वालियर स्टेशन पर 185 टीटीई की जरूरत है, स्वीकृत 138 हैं और काम सिर्फ 133 ही कर रहे हैं। कमी का असर प्लेटफॉर्म ड्यूटी पर भी दिखाई देता है। चौबीस घंटे की ड्यूटी में स्टेशन पर लगभग 21 टीटीई की जरूरत है।
सभी मंडलों में टीटीई की कमी झांसी सहित अन्य मंडलों में टीटीई की काफी कमी है। पुराने टीटीई रिटायर होते जा रहे हैं। नई भर्ती नहीं होने से टीटीई नहीं मिल पा रहे हैं। वहीं ट्रेनें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। इससे सभी स्टेशनों पर काफी परेशानी है। इसमें स्लीपर कोच में यात्रियों को ज्यादा दिक्कत आ रही है।
– अमन वर्मा, सीनियर डीसीएम झांसी