scriptपटवारी नियुक्ति विवाद: कट-ऑफ डेट के बाद प्राप्त योग्यता को नहीं दी जा सकती है मान्यता | मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पटवारी पद पर नियुक्ति को लेकर चले आ रहे एक पुराने विवाद पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कट-ऑफ डेट के बाद प्राप्त की गई शैक्षणिक योग्यता मान्य नहीं होगी। सूरज सिंह राजपूत की याचिका को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया। | Patrika News
ग्वालियर

पटवारी नियुक्ति विवाद: कट-ऑफ डेट के बाद प्राप्त योग्यता को नहीं दी जा सकती है मान्यता

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पटवारी पद पर नियुक्ति को लेकर चले आ रहे एक पुराने विवाद पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कट-ऑफ डेट के बाद प्राप्त की गई शैक्षणिक योग्यता मान्य नहीं होगी। सूरज सिंह राजपूत की याचिका को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया।

ग्वालियरAug 28, 2025 / 11:09 am

Balbir Rawat

Gwalior Bench of Madhya Pradesh High Court

Gwalior Bench of Madhya Pradesh High Court

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पटवारी पद पर नियुक्ति को लेकर चले आ रहे एक पुराने विवाद पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कट-ऑफ डेट के बाद प्राप्त की गई शैक्षणिक योग्यता मान्य नहीं होगी। सूरज सिंह राजपूत की याचिका को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया।
मामला वर्ष 2008 की पटवारी भर्ती से जुड़ा है। उस समय जारी विज्ञापन में साफ तौर पर उल्लेख था कि आवेदन की अंतिम तिथि 7 जुलाई 2008 तक उम्मीदवारों को न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता एवं कंप्यूटर डिप्लोमा (डीसीए/पीजीडीसीए या समकक्ष) होना अनिवार्य है। सूरज सिंह राजपूत ने आवेदन किया और चयन सूची में आने के बाद प्रशिक्षण के लिए भेजे गए। उन्होंने वर्ष 2010 में प्रशिक्षण पूरा किया और फरवरी 2011 में पटवारी पद पर उनकी नियुक्ति भी हो गई। विभाग ने बाद में उनके दस्तावेजों की जांच की तो पाया कि राजपूत ने आवश्यक कंप्यूटर योग्यता 29 जून 2009 को यानी अंतिम तिथि के लगभग एक वर्ष बाद प्राप्त की थी। इस आधार पर वर्ष 2012 में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और फिर सेवा समाप्ति का आदेश दे दिया गया।
राजपूत ने सेवा समाप्ति के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। वह चयनित होकर प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं और नियुक्ति भी हो चुकी थी, इसलिए विभाग अब योग्यता पर सवाल नहीं उठा सकता। उन्होंने यह भी दलील दी कि अन्य उम्मीदवारों को भी इसी तरह का लाभ दिया गया था। वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता जीके अग्रवाल ने तर्क दिया कि कट-ऑफ डेट के बाद प्राप्त की गई योग्यता पर नियुक्ति वैध नहीं मानी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए याचिका खारिज करने की मांग की।
कोर्ट ने पूरे मामले को लेकर क्या कहा

– कोर्ट ने कहा कि भर्ती नियमों में कट-ऑफ डेट का विशेष महत्व होता है। यदि अंतिम तिथि तक योग्यता पूर्ण नहीं है, तो बाद में प्राप्त डिग्री के आधार पर चयन को वैध नहीं ठहराया जा सकता। यदि किसी उम्मीदवार को गलती से लाभ मिल भी गया है, तो अन्य लोग उस आधार पर निगेटिव पैरिटी का दावा नहीं कर सकते।
-याचिकाकर्ता ने आवश्यक योग्यता 29 जून 2009 को हासिल की, जबकि अंतिम तिथि 7 जुलाई 2008 थी। अत: विभाग द्वारा उनकी सेवा समाप्त करना पूरी तरह से विधिसम्मत है और इसमें किसी प्रकार की अवैधता नहीं है।

Hindi News / Gwalior / पटवारी नियुक्ति विवाद: कट-ऑफ डेट के बाद प्राप्त योग्यता को नहीं दी जा सकती है मान्यता

ट्रेंडिंग वीडियो