script7 साल पहले पति की मौत, अब सास ने कराए हाथ पीले, बड़े बेटे-बहू ने किया छोटी बहू का कन्यादान | Elder son and daughter in law do kanyadaan of younger daughter in law after husband death mp news | Patrika News
ग्वालियर

7 साल पहले पति की मौत, अब सास ने कराए हाथ पीले, बड़े बेटे-बहू ने किया छोटी बहू का कन्यादान

MP News: हास्य कवि प्रदीप चौबे की पत्नी विनीता ने पेश की मिसाल, 7 साल पहले बेटे और फिर पति को खो चुकी छोटी बहू को लेकर रहती थीं परेशान, सोचती थीं कैसे कटेगा इसका सारा जीवन, बोलीं- अब मिला मन को सुकून, खुश रहे बहू…

ग्वालियरMay 22, 2025 / 08:29 am

Sanjana Kumar

MP News Gwalior wedding news

फोटो- पत्रिका

MP News: नरेंद्र कुइया. सात साल पहले सड़क हादसे में बेटे को खोया। कुछ दिन बाद पति भी छोड़ गए। घर में बहू को देखकर वे दु:खी थीं। क्या करें, क्या नहीं…इसी ऊहापोह में जिंदगी गुजर रही थी। आखिरकार सास ने विधवा बहू की दूसरी शादी कराने की ठानी और कानपुर के युवक से विवाह करा दिया। समाज में बड़ी चुनौती बनी विधवा विवाह पर ग्वालियर के हास्य कवि प्रदीप चौबे की पत्नी विनीता चौबे ने ऐसा कर मिसाल पेश की। सास विनीता ने कानपुर के चेतन जैन से विधवा बहू वर्षा की शादी कराई तो वर्षा की आंखें भर आईं। उन्होंने कहा, ऐसी सास हर बहू को मिले। मेरे खुद के परिवार से पहले यह परिवार रहेगा।

आसान नहीं यह फैसला उनके साहस को प्रणाम

युवा हास्य कवि चिराग जैन ने सोशल मीडिया पर इस अनूठी पहल को लेकर पोस्ट लिखी है। उन्होंने कहा, प्रदीप चौबे की पत्नी ने अपने कष्ट भुलाकर युवा बहू की ओर देखा। दोबारा शादी का फैसला लिया। यह इतना आसान नहीं रहा होगा। बहू को मनाना, रिश्तेदारों की बातों की चिंता छोड़ आगे बढ़कर सामाजिक वर्जनाएं तोड़ना बेहद मुश्किल भरा होगा। उन्होंने कर दिखाया। उनके साहस को प्रणाम।

‘बहू के सामने पूरी जिंदगी पड़ी थी’

जाने-माने हास्य कवि दिवंगत प्रदीप चौबे के बेटे आभास का भोपाल में 7 साल पहले दुर्घटना में निधन हो गया। कुछ समय बाद कवि प्रदीप भी चल बसे। पत्नी विनीता चौबे, बहू वर्षा गम भुलाने का प्रयास कर रही थीं। विनीता ने कहा, वर्षा के सामने जिंदगी पड़ी थी। तभी ठान लिया फिर से बहू का जीवन आबाद करेंगी। 11 मई को चेतन से शादी कराई।

बड़े बेटे-बहू ने किया कन्यादान

विनीता ने बताया, पति जीवित होते तो वे भी वर्षा की दूसरी शादी जरूर कराते। वह बहू तो थी, पर बेटी से कम नहीं? बड़े बेटे आकाश व बहू नेहा ने भी मेरे फैसले में सहयोग दिया। उन्हीं दोनों ने वर्षा का कन्यादान किया। अब वह हमेशा खुश रहे। विधवा विवाह कर सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ने वालीं विनीता चौबे के इस फैसले का स्वागत हर कोई कर रहा है। बहू की दूसरी शादी में अंतरराष्ट्रीय हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा, अरुण जैमिनी और डॉ. सुरेश अवस्थी भी साक्षी बने।

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