scriptफरियादी की गवाही पूरी, बोला कि ठेकेदार की सहमति के बाद रिश्वत दी, साझेदारी के दस्तावेज भी न्यायालय में सौंपे | विशेष सत्र न्यायालय में शनिवार को उस मामले में फरियादी की गवाही पूरी हो गई, जिसमें ईओडब्ल्यू ने नगर निगम की उपयंत्री वर्षा मिश्रा को रिश्वत के मामले में क्लीन चिट दी थी। फरियादी अनूप यादव ने कहा कि ठेकेदार की सहमति से उपयंत्री को रिश्वत दी है। ठेकेदार ने वर्षा मिश्रा को पैसे देने के लिए 20 हजार रुपए दिए थे। | Patrika News
ग्वालियर

फरियादी की गवाही पूरी, बोला कि ठेकेदार की सहमति के बाद रिश्वत दी, साझेदारी के दस्तावेज भी न्यायालय में सौंपे

विशेष सत्र न्यायालय में शनिवार को उस मामले में फरियादी की गवाही पूरी हो गई, जिसमें ईओडब्ल्यू ने नगर निगम की उपयंत्री वर्षा मिश्रा को रिश्वत के मामले में क्लीन चिट दी थी। फरियादी अनूप यादव ने कहा कि ठेकेदार की सहमति से उपयंत्री को रिश्वत दी है। ठेकेदार ने वर्षा मिश्रा को पैसे देने के लिए 20 हजार रुपए दिए थे।

ग्वालियरSep 01, 2025 / 11:02 am

Balbir Rawat

special sessions court

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विशेष सत्र न्यायालय में शनिवार को उस मामले में फरियादी की गवाही पूरी हो गई, जिसमें ईओडब्ल्यू ने नगर निगम की उपयंत्री वर्षा मिश्रा को रिश्वत के मामले में क्लीन चिट दी थी। फरियादी अनूप यादव ने कहा कि ठेकेदार की सहमति से उपयंत्री को रिश्वत दी है। ठेकेदार ने वर्षा मिश्रा को पैसे देने के लिए 20 हजार रुपए दिए थे। ठेकेदार सुरेश यादव व मेरे बीच साझेदारी थी। साझेदारी के साक्ष्य एक पेन ड्राइव में कोर्ट में सौंपे। पार्क संधारण में जो मजदूर लगाए थे और सामग्री के बिल भी न्यायालय को सौंपे। यह पूरा लेखा जोखा रजिस्टर में लिखा हुआ था। फरियादी की गवाही पूरी होने के बाद अब ठेकेदार सुरेश यादव को बुलाया है। सुरेश यादव की इस मामले में गवाही होगी।
दरअसल अनूप सिंह यादव ने 9 फरवरी 2023 को ईओडब्ल्यू में नगर निगम की उपयंत्री वर्षा मिश्रा रिश्वत मांगने की शिकायत की। उसके पास पांच पार्क के संधारण का ठेका था। पार्क में काम पूरा होने के बाद नगर निगम से भुगतान किया जाना है। 6 लाख 70 हजार के बिल पास करने के बदले में उपयंत्री वर्ष 20 हजार की रिश्वत मांग कर रही हैं। उन्हें रिश्वत देना नहीं चाहता हूं। रंगेहाथ पकड़वाना चाहता हूं। इस शिकायत पर उपयंत्री को नगर निगम मुख्यालय के बाहर 15 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। रिश्वत कार के अंदर दी गई। फरियादी आगे की सीट पर बैठा हुआ था। उप यंत्री पीछे की सीट पर। पैसे गाड़ी की सीट पर रख दिए।

दो बिंदुओं पर दी गवाही, जिसके आधार पर क्लीन चिट दी

– ईओडब्ल्यू ने खात्मा रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि फरियादी अनूप यादव का वर्षा मिश्रा से कोई काम नहीं था। पार्क संधारण का ठेका सुरेश यादव के पास था। इसलिए अनूप का कोई काम उपयंत्री से नहीं था। अनूप यादव ने ठेकेदार के साथ साझेदारी के साक्ष्य न्यायालय में सौंपे। संधारण में पूरा पैसा उसने खर्च किया। साझेदारी के आधार पर उसे ट्रैप कराने का अधिकार है।
– रिश्वत दो बार देना बताया है। पहली बार 5 हजार रुपए व उसके बाद 15 हजार रुपए। रिश्वत की वार्ता रिकॉर्ड हुई है।

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