एरियर देने में ढिलाई
हाईकोर्ट बैंच इंदौर व श्रमायुक्त इंदौर के लिखित निर्देश के बावजूद मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के करीब दस हजार आउटसोर्स कर्मी 11 माह का बकाया एरियर पाने से तीन माह बाद भी वंचित हैं। जबकि उनका तबादला कर उन पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा।
कहां कितने तबादले
मध्यप्रदेश के किसी भी विभाग में एवं बिजली सेक्टर में कभी भी एकसाथ दो-तीन दिन में दस हजार तबादले नहीं हुए हैं, लेकिन इस बार मध्य क्षेत्र कंपनी ने भोपाल सिटी सर्किल में 568, भोपाल संचा.संधा. वृत्त में 805, रायसेन में 775, सीहोर में 560, राजगढ़ में 1009, होशंगाबाद में 790, ग्वालियर सिटी सर्किल में 502, ग्वालियर ओ एण्ड एम सर्किल में 452, मुरैना में 552, भिण्ड में 620, दतिया में 386, शिवपुरी में 588, श्योपुर में 592 एवं अशोक नगर में 336 सहित सभी सर्किलों में करीब 10 हजार आउटसोर्स ठेका कर्मचारियों के तबादले कर दिए हैं। ये भी पढ़ें: रोड एक्सीडेंट में जान बचाने वालों को सरकार देगी ’25 हजार रुपए’ विकलांग कर्मचारियों का भी किया तबादला
ऐसे भी कर्मचारी है जो विकलांग है, उनका भी तबादला कर दिया है। वर्ष 2018 में मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी के तत्कालीन एमडी विवेक पोरवाल ने सामूहिक रूप से एक हजार रेगुलर कर्मियों के तबादले किए थे, पर तब दिव्यांगों व महिलाओं के तबादले नहीं किए गए थे, इस बार तो महिलाओं का भी तबादला किया गया है।
तीन सौ से अधिक बिजली आउटसोर्स महिला कर्मियों के दूर-दराज क्षेत्र में ट्रांसफर किए गए, जिसमें कई इलाके ऐसे हैं, जहां महिलाओं को आना-जाना भी कठिन होगा। अल्पवेतन पाने वाले आउटसोर्स कर्मियों के तबादलों से उनके वेतन का आधा खर्च डीजल, पेट्रोल में ही चला जाएगा। उनका घरेलू बजट चरमरा जाएगा, भरण-पोषण का संकट पैदा होगा। सीएम व उर्जा मंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए।- मनोज भार्गव, प्रांतीय संयोजक, मप्र बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन