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दो लाख से अधिक वाहनों को 1 नवंबर से नहीं मिलेगा डीजल-पेट्रोल, दिल्ली समेत छह जिलों में नियम लागू

Diesel-Petrol: दिल्ली समेत छह जिलों में अपनी उम्र पूरी कर चुके वाहनों को डीजल-पेट्रोल नहीं मिलेगा। दिल्ली में यह नियम एक जुलाई से लागू होगा। जबकि एनसीआर के पांच शहरों में एक नवंबर से इसे लागू किया जाएगा।

ग्रेटर नोएडाJun 22, 2025 / 04:43 pm

Vishnu Bajpai

Diesel-Petrol: दो लाख से अधिक वाहनों को 1 नवंबर से नहीं मिलेगा डीजल-पेट्रोल, दिल्ली समेत छह जिलों में नियम लागू

दिल्ली में एक जुलाई और नोएडा समेत एनसीआर के पांच जिलों में एक नवंबर से पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा।

Diesel-Petrol: दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर है। दिल्ली के बाद अब नोएडा प्रशासन ने भी अपनी उम्र पूरी कर चुके वाहनों को डीजल-पेट्रोल नहीं देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत एनसीआर के पांच जिलों में लागू होगा। इसके तहत गौतमबुद्धनगर जिले में 1 नवंबर से उन सभी वाहनों पर पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। जिनकी समय सीमा समाप्त हो चुकी है। इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग द्वारा सस्पेंड कर दिया गया है। आंकड़ों के अनुसार, जिले में 2,08,856 वाहन ऐसे हैं, जिनकी वैधता समाप्त हो चुकी है। इनमें से करीब 40 हजार वाहनों का रजिस्ट्रेशन पहले ही निरस्त कर दिया गया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों का पालन करना है।

एनजीटी के आदेश और उपाय

दिल्ली-एनसीआर में एनजीटी के आदेश के तहत अब पुराने वाहनों को चलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इन वाहनों में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल वाहन शामिल हैं। परिवहन विभाग के मुताबिक, इन वाहनों की संख्या जिले में 2 लाख से अधिक है, जिनमें से कई वाहनों को दूसरे जिले में भेजने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) भी जारी किया जा चुका है।
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एआरटीओ प्रशासन के डॉ. सियाराम वर्मा ने जानकारी दी कि 13,417 वाहनों को एनओसी जारी किया गया है। ताकि उन्हें दिल्ली-एनसीआर से बाहर अन्य जिलों में ले जाया जा सके। वहीं, 17,239 वाहनों को कबाड़ किया जा चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि यूपी के 33 जिलों में पुराने वाहन चलने की अनुमति है। जिनमें इटावा, कुशीनगर, बलिया और जौनपुर जैसे जिले शामिल हैं।

ऑनलाइन आवेदन की सुविधा

पुराने वाहन मालिकों के लिए एनओसी प्राप्त करने का एक और आसान तरीका है। अब वे परिवहन विभाग की वेबसाइट www.parivahan.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया के बाद सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी और सात दिनों के भीतर एनओसी जारी कर दी जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह निःशुल्क है।

ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई और नयी टीमों का गठन

पेट्रोल पंपों पर पुराने वाहनों को रोकने और जब्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा विशेष टीमों का गठन किया जाएगा। डीसीपी ट्रैफिक लखन यादव ने बताया कि इस समय तक ट्रैफिक पुलिस की ओर से पुराने वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी, लेकिन अब इस कार्रवाई को और सख्त किया जाएगा। साल 2024 में 10 साल पुराने 93 डीजल और 15 साल पुराने 272 पेट्रोल वाहनों को जब्त किया गया था। जबकि इस साल 15 जून तक 27 डीजल और 76 पेट्रोल वाहनों को जब्त किया जा चुका है। इन वाहनों को नोएडा के सेक्टर-62 में रखा जाता है।
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दिल्ली में 1 जुलाई से सख्ती लागू

दिल्ली में 1 जुलाई से मियाद पूरी कर चुके वाहनों पर सख्ती से पेट्रोल-डीजल दिया जाएगा। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने पहले ही आदेश जारी किया था कि 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। इस आदेश के तहत दिल्ली के 520 पेट्रोल पंपों में से 500 ने ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे लगा दिए हैं, जो इन पुराने वाहनों का पता लगाएंगे और ट्रैफिक तथा परिवहन विभाग को अलर्ट करेंगे। दिल्ली के आसपास के एनसीआर के पांच जिलों में भी यह व्यवस्‍था एक नवंबर से लागू होगी। इनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और सोनीपत शामिल हैं। इन जिलों में एएनपीआर कैमरे लगाने का काम 31 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

देशभर में पुराने वाहनों की स्थिति

सीएक्यूएम के अनुसार, दिल्ली में लगभग 62 लाख वाहन ऐसे हैं। जो अपनी मियाद पूरी कर चुके हैं, जिनमें से 41 लाख दोपहिया वाहन हैं। पूरे एनसीआर में ऐसे वाहनों की संख्या लगभग 44 लाख है और ये वाहन ज्यादातर पांच प्रमुख शहरों में केंद्रित हैं। इस कदम से न केवल वायु प्रदूषण पर काबू पाया जाएगा। बल्कि पुराने वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं और अन्य समस्याओं को भी कम किया जा सकेगा।

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