Gonda News:
गोंडा जिले के नगर पालिका क्षेत्र में 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत गुरुनानक चौक से गुड्डूमल चौराहा तक कराए जा रहे इण्टरलॉकिंग व सौंदर्यीकरण कार्य में भारी अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया है। जांच में कार्य की गुणवत्ता को लेकर गंभीर खामियां उजागर हुईं, जिसके आधार पर जिलाधिकारी ने न सिर्फ पूरा कार्य पुनः उखाड़कर दोबारा कराए जाने, बल्कि भुगतान में नियमानुसार कटौती करने के भी निर्देश दिए हैं।
अपर उप जिलाधिकारी की जांच में हुआ खुलासा
प्रकरण में अपर उप जिलाधिकारी (द्वितीय) विशाल कुमार द्वारा प्रस्तुत संयुक्त जांच आख्या में यह सामने आया कि लगभग 255 मीटर लंबे इस कार्य में बेस कोर्स में प्रयुक्त ब्रिक बैसाल्ट में अत्यधिक मात्रा में बालू की मिलावट पाई गई। जबकि ब्रिक बैसाल्ट की मात्रा अत्यंत कम थी। साथ ही, इंटरलॉकिंग में प्रयुक्त ईंटों की औसत संपीड़न क्षमता (Compressive Strength) 31.10 न्यूटन/वर्ग मिमी रही, जो कि मानक 35 न्यूटन/वर्ग मिमी से कम है।
नगर पालिका अधिकारियों को जारी किया चेतावनी पत्र
जांच रिपोर्ट में कार्य को अधोमानक व अस्वीकार्य माना गया है। इसके मद्देनजर डीएम ने न सिर्फ सम्पूर्ण कार्य को तत्काल उखाड़ने और मानकों के अनुरूप दोबारा निर्माण कराने के आदेश दिए हैं। बल्कि भुगतान में कटौती कर दोषियों की जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया भी शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं। इस पूरे मामले में संबंधित नगर निकाय अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी गई है। उनके खिलाफ लिखित चेतावनी पत्र जारी किया गया है। घटिया निर्माण कार्य बर्दाश्त नहीं करें सतत निगरानी
डीएम ने यह स्पष्ट किया है कि जनहित से जुड़े कार्यों में भ्रष्टाचार, लापरवाही और घटिया निर्माण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि भविष्य के सभी कार्यों में गुणवत्ता की सतत निगरानी सुनिश्चित की जाए।