विधायक रोहित ने इस स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री एवं पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा का आभार माना। उन्होंने संबंधित ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को भी बधाई दी है। यह पहली बार नहीं है जब राजिम विधानसभा में महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस पहल की गई हो। इससे पहले छुरा विकासखंड के ग्राम पंचायत पाटसिवनी, खड़मा और गरियाबंद विकासखंड के ग्राम पंचायत हरदी में भी 30-30 लाख रुपए की लागत से महतारी सदनों का निर्माण सफलतापूर्वक किया जा चुका है। इन सभी कार्यों के पीछे विधायक रोहित साहू की सक्रिय भूमिका रही है।
सुविधा मिलने से लोगों में खुशी का है माहौल
ग्राम पंचायत सेम्हरतरा और रावंड़ में महतारी सदन की स्वीकृति की खबर से स्थानीय ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं में उत्साह है। महिलाओं का कहना है कि अब उन्हें अपने समूह के कामकाज के लिए पक्का और सुविधाजनक स्थान मिलेगा। साथ ही यह कदम महिलाओं को समाज में और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में मददगार होगा। विधायक ने अपील की कि सभी महिलाएं और महिला स्व-सहायता समूह इस सुविधा का अधिक से अधिक उपयोग करें। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना है कि आने वाले समय में हर ग्राम पंचायत में महतारी सदन हों, जिससे महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर बनें बल्कि सामुदायिक नेतृत्व में भी आगे आएं। विधायक रोहित ने कहा कि डबल इंजन की सरकार महिला सशक्तिकरण को लेकर बेहद गंभीर है। उन्होंने कहा, महतारी सदन बहनों को सम्मान, सुरक्षा और संगठित कार्य के लिए बेहतर मंच उपलब्ध कराएंगे। यहां महिला समूहों की बैठकें, प्रशिक्षण कार्यक्रम और अन्य रचनात्मक गतिविधियां संचालित की जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुनए की आर्थिक सहायता मिल रही है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं। विधायक ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार लगातार गांव, गरीब, किसान और महिलाओं के हित में काम कर रही है। राजिम विधानसभा के हर गांव तक विकास पहुंचाना उनकी प्राथमिकता है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने, आपसी समरसता बढ़ाने और सामूहिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के हर ग्राम पंचायत में महतारी सदन बनाए जा रहे हैं। राज्य सरकार की योजना के तहत अब तक 166 महतारी सदनों के निर्माण की अनुमति दी जा चुकी है। प्रत्येक महतारी सदन 2,500 वर्गफुट में बनेगा। इसमें हॉल, कमरा, बरामदा, किचन, स्टोर रूम, पीने के पानी के लिए ट्यूबवेल, सामुदायिक शौचालय जैसी सुविधाएं होंगी। इस जगह का उपयोग महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बैठकों, प्रशिक्षण, सामाजिक आयोजन और अन्य गतिविधियों के लिए किया जाएगा।