PM Awas Yojana: पत्रिका ने लगातार किया खुलासा
पत्रिका ने ही योजना में गड़बड़ी को लेकर 10 दिन में तीन खबरें छापी। पहला मामला सोरिद गांव से था। यहां आवास सर्वे के नाम पर तकरीबन 300 परिवारों से 100-100 रुपए की अवैध उगाही की गई। मामले में प्रशासन ने रोजगार सहायक और मेट को बर्खास्त किया। गांव के सरपंच को भी नोटिस दिया था। दूसरा मामला कसेकेरा गांव का था। यहां खुद गांव की जनप्रतिनिधि ने योजना के तहत पक्के मकान की पहली मंजिल पर पीएम आवास तान दिया था। फर्जी तरीके से जियो टैगिंग कर दो किस्तें भी निकाल ली गईं। तीसरा मामला अतरमारा गांव से आया। 3 हजार से लेकर 10 हजार तक की वसूली
यहां आवास 2.0 के सर्वे में नाम शामिल करवाने के लिए 3 हजार रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक की वसूली गई थी। गांव के लोगों ने इस मामले में मुय रोजगार सहायक और आवास मित्र के खिलाफ विधायक रोहित साहू से इसकी शिकायत की थी। बताते हैं कि जनपद स्तर पर जांच के बाद फाइल जिला पंचायत को भेज दी गई है। दोनों मामलों में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। सुशासन तिहार के तहत पोंड़ गांव में लगे शिविर में विधायक रोहित साहू, भंडार गृह निगम अध्यक्ष चंदूलाल साहू, कलेक्टर बीएस उइके, एसपी निखिल राखेचा, जिला पंचायत सीईओ जीआर मरकाम आदि मौजूद रहे।
सैकड़ों ग्रामीण पहुंचे, सबकी समस्या सुनीं
शिविर में कई गांवों से सैकड़ों ग्रामीण पहुंचे थे। मदद के लिए पूरा अमला मौजूद था। शिकायतें सुनी। त्वरित समाधान के निर्देश दिए। मंत्री बघेल ने विभागीय स्टॉलों का निरीक्षण किया। महतारी वंदन, स्वच्छ भारत, सौर सुजला, टीबी मुक्त भारत जैसी योजनाओं के लाभान्वित हितग्राहियों से मुलाकात की। शिविर में पोंड, कुटेना, फुलझर और मुरमुरा गांव के सरपंचों को टीबी मुक्त भारत अभियान में बेहतरीन काम करने के लिए समानित किया गया। स्वच्छता अभियान में सक्रिय स्वच्छाग्राही, मेधावियों को भी समानित किया।
योजनाओं का लाभ पात्र को मिले: रोहित
राजिम विधायक रोहित साहू ने कहा कि सीएम विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप राज्य में सुशासन तिहार मनाया जा रहा है। लोगों की मांगें पूरी की जा रहीं हैं। शिकायतों का समाधान किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य यही है कि योजनाओं का लाभ पात्र को मिले। प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता हो। भंडार गृह निगम अध्यक्ष चंदूलाल साहू ने कहा कि सरकार की मंशा सभी पात्र हितग्राहियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने की है। राज्य सरकार नहीं चाहती कि किसी को काम करवाने के लिए भटकना पड़े।